बिभव कुमार की गिरफ्तारी 'अवैध' है? वाली याचिका पर दिल्ली HC कल सुनाएगी फैसला
Swati Maliwal Assault Case: दिल्ली उच्च न्यायालय 1 जुलाई, 2024 को केजरीवाल के निजी सहयोगी (PA) बिभव कुमार द्वारा दायर याचिका की स्वीकार्यता पर अपना फैसला सुनाएगी. याचिका में बिभव ने दिल्ली पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी को 'अवैध' करार देने मांग की है. बता दें कि बिभव कुमार को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में 18 मई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
याचिका की स्वीकार्यता पर HC का आएगा फैसला
पिछली सुनवाई में, दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका की स्वीकार्यता (Maintainability On Plea) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई से पहले मुझे गिरफ्तार किया गया: बिभव
बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि, मैंने (बिभव कुमार) अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जबकि 4:00-4:30 बजे के आसपास सुनवाई हो रही थी, मुझे लगभग 4:15 बजे गिरफ्तार कर लिया गया. अगर इस तरह से गिरफ्तारी हो रही है तो अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए. इस तरह से गिरफ्तार किए जाने के मेरे मौलिक अधिकार का दुरुपयोग किया गया और इसलिए मैं यहां हूं. आपने (दिल्ली पुलिस) 41ए प्रक्रिया का उल्लंघन किया है.
Also Read
- AAP MP स्वाति मालीवाल से मारपीट का मामला: बिभव कुमार को बड़ी राहत, तीज हजारी कोर्ट ने परिवार संग विदेश जाने की दी इजाजत
- पब्लिक प्लेस से अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने का मामला, Delhi HC ने सरकार से मांगी कार्रवाई की पूरी जानकारी
- CLAT 2025 के रिजल्ट संबंधी सभी याचिकाओं को Delhi HC में ट्रांसफर करने का निर्देश, SC का अन्य उच्च न्यायालयों से अनुरोध
बिभव की याचिका 'योग्य' नहीं है: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. अभियुक्तों ने निचली अदालत के समक्ष गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों का पालन न किए जाने का तर्क दिया और इसके लिए एक अलग आवेदन पेश किया गया, जिस पर मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आकस्मिक गिरफ्तारी के कारणों का उल्लेख किया गया था और इसलिए, क्योंकि 20 मई को एक आदेश पारित किया गया था और उसका उल्लेख यहां नहीं किया गया है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए संजय जैन ने कहा कि इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर संशोधन आवेदन दायर कर सकते हैं और इसके लिए 90 दिन की अवधि है... लेकिन उन्होंने इसे छोड़, सीधे यहां आ गए.
वहीं, बिभव ने अपनी याचिका में कानून के प्रावधानों का जानबूझकर और स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए अपनी कथित अवैध गिरफ्तारी के लिए उचित मुआवजे की भी मांग की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. 1 जुलाई के दिन बिभव की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी.