Sex Scandal Case: भवानी रेवन्ना की Anticipatory Bail रद्द करने की मांग, SIT की याचिका पर SC में सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कर्नाटक एसआईटी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कर्नाटक सेक्स वीडियो स्कैंडल मामले के मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की गई है. प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देते हुए कहा था कि उन्होंने पुलिस की जांच में सहयोग किया है और 85 प्रश्नों के उत्तर दिए है. बता दें कि भवानी रेवन्ना वर्तमान में एक नौकरानी के अपहरण मामले में विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष पेश हो रही हैं जिसे कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना और उनके पति एच.डी. रेवन्ना के हाथों यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था.\
भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत खारिज करने को लेकर याचिका
सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ 14 अक्टूबर को मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी. इससे पहले जुलाई में सर्वोच्च न्यायालय ने काफी अनुरोध के बाद कर्नाटक एसआईटी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) की जांच करने पर सहमति व्यक्त की थी और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा की पुत्रवधू भवानी रेवन्ना से जवाब मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मामला एक महिला की स्वतंत्रता से जुड़ा है, जिसका अपराध मुकदमे के दौरान निर्धारित किया जाना है. शीर्ष अदालत ने आगाह किया कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की आवश्यकता नहीं है और और प्रज्वल रेवन्ना की मां की भूमिका के बारे में पूछा. जवाब में राज्य एसआईटी (SIT) का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पीड़िता ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में उसके अपहरण में भवानी रेवन्ना की भूमिका का वर्णन किया है.
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भवानी रेवन्ना को कर्नाटक HC से मिली अग्रिम जमानत
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 18 जून को सेक्स वीडियो कांड से जुड़े अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली थी. अग्रिम जमानत देने की शर्त के रूप में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने मैसूरु और हासन जिलों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. अपहरण मामले में पीड़िता मैसूरु जिले की रहने वाली है, जबकि हासन भवानी रेवन्ना का मूल जिला है. अपने आदेश में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि भवानी रेवन्ना ने पुलिस द्वारा पूछे गए 85 प्रश्नों के उत्तर दिए हैं, इसलिए जांच में उनके असहयोग का दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता है.