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पत्नी और तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से हत्या करने वाले को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दी ये सजा

Karnataka High Court Confirms Death Penalty in Murder Case

शख्स ने अपनी पत्नी, साली और दस साल से कम उम्र वाले तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से की हत्या! क्या थी वजह और अदालत ने सुनाई क्या सजा, जानें

Written By My Lord Team | Published : June 12, 2023 3:40 PM IST

नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने मर्डर के मामले में ट्रायल कोर्ट के एक फैसले को कन्फर्म किया है। बता दें कि आरोपी ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी है; इसके तीनों बच्चों की उम्र 10 साल से कम की थी। शख्स ने इस तरह जघन्य अपराध क्यों किया और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने क्या फैसला दिया, जानिए.

आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश सूरज गोविंदराज (Justice Suraj Govindaraj) और न्यायाधीश जी बसवाराजा (Justice G Basavaraja) की खंड पीठ ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को कन्फर्म करते हुए पत्नी और 10 साल से कम उम्र के तीन बच्चों की हत्यारे को मृत्युदंड (Death Penalty) दिया है।

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कोर्ट ने जुर्म को 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी में माना

कर्नाटक उच्च न्यायालय की इस खंड पीठ ने इस जुर्म को 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' (Rarest of the Rare) की श्रेणी में रखते हुए कहा है कि इस तरह के घोर अपराध के लिए, जिसमें पांच मासूम लोगों की जानें गई हैं, मृत्युदंड ही सही सजा है, इसके अलावा कोई और चारा नहीं है। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को उच्च न्यायालय ने बहुत दुख के साथ कन्फर्म किया है।

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अदालत ने एडिश्नल रेजिस्ट्रार (जूडिशियल) को आदेश दिया है कि वो संबंधित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) को यह फाइल भेज दें जिससे प्राधिकरण दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure- CrPC) की धारा 357 और 357A के तहत इकलौती बेटी जो जिंदा है, उसे मुआवजा देने की तैयारी कर ले।

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कुल्हाड़ी से की पत्नी और बच्चों की हत्या

एफआईआर (FIR) के मुताबिक, फरवरी, 2017 में आरोपी ने अपनी पत्नी और चार में से तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। उसने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि उसकी पत्नी का किसी और के साथ अफेयर चल रहा है और उसे शक था कि चार में से वो तीन बच्चे उसके नहीं हैं।

इस शख्स ने अपनी पत्नी और 10 साल से कम उम्र वाले तीन बच्चों के साथ-साथ अपनी साली का भी खून कर दिया था जिसके बाद वो अपने घर से, खुशी से चिल्लाते हुए बाहर निकला था।

ट्रायल कोर्ट ने 36 साक्षियों से बात की और उस आधार पर इस शख्स को मृत्युदंड सुनाया। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को आरोपी ने चुनौती दी जिसके बाद राज्य सरकार ने अदालत से इस फैसले को कन्फर्म करने हेतु अपील की। अदालत ने सभी बातों को मद्देनजर रखते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को कन्फर्म किया और आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई।