23 खूंखार नस्ल के कुत्तों को बैन करने के फैसले पर karnataka High Court ने लगाया रोक, जानें क्यों दिया ये फैसला
23 Ferocious Breeds of Dogs: बुधवार (20 मार्च 2024) के दिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. उच्च न्यायालय ने केन्द्र के उस फैसले पर रोक लगाई है जिसमें केन्द्र ने कुत्तों की 23 खूंखार नस्ल को बैन करने के लिए सर्कुलर जारी किया है. हाईकोर्ट द्वारा सर्कुलर पर रोक लगाने के बाद यह फैसला कर्नाटक राज्य में लागू नहीं होगा. ये फैसला आने के बाद राज्य के डॉग लवर्स के बीच खुशी की लहर है. बता दें कि केन्द्र ने मानव जाति के लिए खतरा बताते हुए कुत्तों की 23 प्रजातियों पर रोक लगाने को लेकर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए सर्कुलर जारी किया है. वहीं, बैन हुए प्रजातियों में पिटबुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग और रॉटविलर इत्यादि शामिल हैं.
Karnataka HC में हुई सुनवाई
जस्टिस एम नागप्रसन्ना की बेंच ने मामले को सुना. फैसले में केन्द्र के सर्कुलर पर रोक लगाया. स्पष्ट किया कि ये फैसला केवल कर्नाटक राज्य में लागू होगा. कोर्ट ने डिप्टी सॉलिसीटर जनरल से जबाव मांगा है. उच्च न्यायालय ने बैन किए जाने के फैसले के संबंध में जबाव मांगा है. जबाव आने तक राज्य में इस बैन को लागू करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं.
अगली सुनवाई 5 अप्रैल, 2024 को होगी.
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मामला क्या है?
पेशेवर डॉग हैंडलर और रॉटविलर के मालिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की. विशेषज्ञ कमिटी के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. याचिका में मांग की कारण बताते हुए कहा गया कि समिति ने किसी भी शेयरहोल्डर्स से सलाह लिए बिना ही यह फैसला लिया है.
याचिकाकर्ता ने कहा,
“कुत्तों की कई नस्लें हैं, जो इस सूची में शामिल नहीं है. लेकिन वह मानव जाति के लिए समान रूप से खतरनाक हैं.”
दिल्ली हाईकोर्ट का हुआ जिक्र
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा. दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया. कुत्तों की प्रजातियों को बैन करने के मामले पर रिपोर्ट देने से पहले कमिटी शेयरहॉल्डर्स की राय अवश्य लें.
Expert Committee ने दिए सुझाव
कुत्तों द्वारा हमलों की बढ़ती घटनाओं को लेकर केन्द्र सरकार ने एक विशेषज्ञों की एक कमिटी बनाई. इस कमिटी की अगुवाई पशुपालन आयुक्त कर रहे थे. कमिटी को कुत्तों की उन प्रजातियां की नाम सुझाने थे जो स्वभाव से क्रूर और मानवों के लिए एक खतरा थे. कमिटी ने कुत्तों की 23 प्रजातियों के नाम सुझाए:
- अमेरिकन पिटबुल टेरियर
- डोबर्मन
- रॉटवीलर
- जापानी टीपू
- बोअरबोएल
- डेंजरस डॉग
- फिला ब्रासीलीरो
- मास्टिनो नापोलिटानो
- डोगो Argentino
- टोसा इनु
- नेपोलियन मास्टिफ़
- बुल मास्टिफ़
- तिब्बती मास्टिफ़
- कैन कोरसो
- अलांटिको डेसफियो
- पेरूवियन इंका ऑर्किड
- डोबरमैन पिंसर
- रोत्वेइलर
- जर्मन शेफर्ड
- अमेरिकन बुलडॉग
- अंग्रेजी बुलडॉग
- बॉक्सर
- कॉमन डॉग (जिनमें ये प्रवृतिं पाई जाए)
विशेषज्ञ समिति ने बताया. इन नस्लों के कुत्तों के आक्रामक होने और लोगों पर हमला करने की संभावना अधिक होती है. इन कुत्तों को नियंत्रित करना मुश्किल होता है, खासकर जब वे उत्तेजित होते हैं. इन नस्लों के कुत्तों के काटने से गंभीर चोट या मृत्यु भी हो सकती है.
केन्द्र ने क्यों की कार्रवाई?
केन्द्र ने सर्कुलर जारी किया. इस सर्कुलर को राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में भेजा हैं. और सर्कुलर को लागू करने के निर्देश दिए है. बता दें कि दिसंबर 2023 को केन्द्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था कि वे खूंखार नस्ल के कुत्तों पर कार्रवाई करेंगें. रिपोर्ट देने के लिए विशेषज्ञ कमिटी बनी, जिसके सुझाव के बाद से केन्द्र ने 23 कुत्तों की प्रजातियों पर बैन लगाने को लेकर सर्कुलर जारी किया है.