Karnataka High Court ने खारिज की गैंगस्टर Ravi Pujari की जमानत याचिका
बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) के न्यायाधीश श्रीनिवास हरीश कुमार की एकल पीठ ने बेंगलुरु के एक पुलिस थाने में दर्ज मामले में गैंगस्टर रवि पुजारी (Ravi Pujari) उर्फ रवि प्रकाश (Ravi Prakash) की ओर से दाखिल जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जमानत याचिका भले ही खारिज कर दी गई हो, लेकिन उच्च न्यायालय ने कहा कि सुनवाई में देरी के लिए सरकारी वकील को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार न्यायमूर्ति कुमार ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा, “निचली अदालत ने काफी वक्त पहले आरोप तय कर दिए थे, लेकिन सरकारी वकील गवाहों से पूछताछ नहीं कर सके। सरकारी वकील द्वारा गवाहों को बुलाया जाना चाहिए था और अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था।”
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न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “निचली अदालत सुनवाई एक वर्ष में पूरी करे। अगर सुनवाई एक वर्ष में पूरी नहीं होती है, तो सरकारी वकील जिम्मेदार होंगे।” आरोपी पुजारी के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। अदालत के आदेश को ढाई वर्ष बीतने के बाद भी एक भी गवाह से पूछताछ नहीं हुई। इस संबंध में यदि सुनवाई में देरी हुई, तो जनता का न्यायपालिका पर से विश्वास उठ जाएगा।’’
सरकारी वकील ने बताया कि पुजारी के खिलाफ कर्नाटक में 107 मामले, जबकि महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और राजस्थान में 20 मामले लंबित हैं और चूंकि आरोपी को जांच के सिलसिले में अलग-अलग राज्यों में ले जाया जाता है, इसलिए इस मामले की सुनवाई में देरी हो रही है।
आरोप है कि रवि पुजारी के कहने पर उसके 17 गुर्गों ने रियल एस्टेट क्षेत्र में खौफ पैदा करने और कारोबारियों से धन उगाही करने के लिए एक जनवरी से 15 फरवरी 2007 के बीच रियल एस्टेट कारोबारी केएस समीउल्लाह और शबनम डेवलपर्स के उसके दोस्तों को जान से मारने की कोशिश की थी। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
रवि पुजारी सहित पांच आरोपी फरार थे, जबकि मामले के अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था। पुजारी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। तिलक नगर पुलिस थाने की ओर से दायर मामले में बेंगलुरु की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में रवि पुजारी को सेनेगल से प्रत्यर्पित करके 21 फरवरी 2020 को भारत लाया गया था। वह तब से हिरासत में है।