जनसंख्या की अनुपात में जजों की संख्या बेहद कम: SCBA प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल ने जताई चिंता
Judges Population Ratio: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को देश में जजों की संख्या पर चिंता जाहिर हुए कहा कि भारत में जनसंख्या और जजों की संख्या का अनुपात बेहद कम है. कपिल सिब्बल भारत मंडपम में जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने डाक टिकट व सिक्के अनावरण किया.
'ट्रायल कोर्ट को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत: कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए कई अहम मुद्दों को उठाया. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट के तौर पर उन्होंने कहा कि एक तो ट्रायल और सेशन कोर्ट पर मुकदमों का अंबार लगा है. दूसरी, ट्रायल कोर्ट भारी मुकदमों में जमानत देने से बेहद झिझकते हैं, जिससे हाईकोर्ट पर जमानत याचिकाएं का अंबार लगा रहता है.
अपने संबोधन में सिब्बल ने कहा,
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"भारत में जजों की संख्या का अनुपात बेहद कम है. जिला और सेशन स्तर के रोस्टर पर बहुत अधिक बोझ है."
कपिल सिब्बल ने इस बात पर जोर दिया कि न्याय देने के लिए ट्रायल कोर्ट, जिला और सत्र न्यायालयों को सशक्त बनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा,
"हमारे ट्रायल कोर्ट, जिला और सत्र न्यायालय को बिना किसी भय या उत्साह के न्याय देने के लिए सशक्त बनाने की जरूरत है. वे न्याय देते समय अधीनस्थ नहीं हैं. उस स्तर की न्यायपालिका में यह विश्वास पैदा किया जाना चाहिए कि उनके फैसले उनके खिलाफ नहीं होंगे और वे न्याय प्रदान करने की प्रणाली की रीढ़ की हड्डी का प्रतिनिधित्व करते हैं."
सिब्बल ने कहा कि अपने करियर में मैंने शायद ही कभी इस स्तर पर जमानत दी हो. यह सिर्फ़ मेरा अनुभव नहीं है, बल्कि सीजेआई ने भी कहा है क्योंकि उच्च न्यायालयों पर बोझ है. आखिरकार, निचली अदालत में जमानत एक अपवाद है. स्वतंत्रता एक संपन्न लोकतंत्र का आधारभूत आधार है और इसे दबाने का कोई भी प्रयास हमारे लोकतंत्र की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.
सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने पर दो दिवसीय जिला न्यायपालिका का राष्ट्रीय सम्मेलन
सुप्रीम कोर्ट 31 अगस्त और 1 सितंबर से शुरू होने वाले जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में पांच कार्य सत्र होंगे, जिसमें जिला न्यायपालिका से संबंधित मुद्दों जैसे कि बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन, सभी के लिए समावेशी न्यायालय, न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण, केस प्रबंधन और न्यायिक प्रशिक्षण पर विचार-विमर्श और चर्चा की जाएगी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे.