Delhi Excise Policy Case: के कविता को जमानत? दिल्ली हाईकोर्ट 1 जुलाई को बता देगी
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली उच्च न्यायालय 1 जुलाई, 2024 को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) केस में भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता कल्वाकुन्तल कविता (के कविता) की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में 28 मई 2024 को आदेश सुरक्षित रखा था. अब 1 जुलाई के दिन अदालत अपना फैसला सुनाएगी.
के कविता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और अधिवक्ता नितेश राणा ने बहस की.के कविता की ओर से अधिवक्ता मोहित राव और दीपक नागर भी उपस्थित रहे. सीबीआई (CBI) की ओर से अधिवक्ता डीपी सिंह और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अधिवक्ता जोहेब हुसैन उपस्थित हुए.
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ED और CBI ने जमानत का विरोध किया
सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुछ प्रमुख पहलुओं पर आगे की जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है, जिसमें अन्य लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता के साथ-साथ अवैध रूप से अर्जित धन का प्रवाह भी शामिल है. यदि आरोपी याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि वह जांच को प्रभावित करेगी.
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के मामले में, मुकदमे के दौरान अभियुक्त की उपस्थिति सुनिश्चित करने या सबूतों की सुरक्षा करने वाली सामान्य शर्तें ही पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि अपराध की प्रकृति गंभीर है और अभियुक्त द्वारा प्रभाव डाला जा सकता है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को नोटिस जारी किया था.
के कविता ने याचिका में क्या कहा?
के कविता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह दो बच्चों की मां हैं, जिनमें से एक नाबालिग है जो वर्तमान में इस घटना के चलते सदमे में है और उसका इलाज चल रहा है. कविता ने अपनी जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों द्वारा उन्हें इस घोटाले में घसीटने का प्रयास किया गया है.
पिछली सुनवाई में मौजूदा सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. अब इसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट एक जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी.