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सबसे छोटे कार्यकाल के लिए मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए Justice Jaswant Singh, रहेगा 9 दिन का कार्यकाल

25 जनवरी को कॉलेजिमय द्वारा सिफारिश करने के 18 दिन बाद जस्टिस सिंह की नियुक्ति होने से मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल देश की न्यायपालिका के इतिहास में सबसे छोटा 9 दिन का कार्यकाल होगा.

Written By Nizam Kantaliya | Published : February 13, 2023 4:10 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूर करते हुए केन्द्र सरकार ने रविवार को चार हाईकोर्ट के लिए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की है. जिसमें गुवाहाटी हाईकोर्ट के लिए Justice Sandeep Mehta, जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के लिए Justice N Kotiswar Singh, गुजरात हाईकोर्ट के लिए Justice Sonia G Gokani और त्रिपुरा हाईकोर्ट के लिए Justice Jaswant Singh की सिफारिश को मंजूरी दी हैं.

केन्द्र की मंजूरी के साथ ही रविवार को इन चार हाईकोर्ट के लिए मुख्य न्यायाधीश के नियुक्ति वारंट भी जारी कर दिए गए है. चार हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में सबसे ज्यादा चर्चा में Justice Jaswant Singh और Justice Sonia G Gokani की नियुक्ति की सर्वाधिक चर्चा है.

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सबसे छोटे कार्यकाल के मुख्य न्यायाधीश

मूल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वर्ष 2007 में जज नियुक्त होने वाले जस्टिस जसवंत सिंह अगले 9 दिन बाद ही यानी 22 फरवरी 2023 को सेवानिवृत होने वाले है.

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नियुक्ति वारंट जारी होने की तारीख यानी 12 फरवरी से उनके सेवानिवृति तक दो सप्ताह से भी कम समय के लिए वे मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए है. मूल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जज जस्टिस Justice Jaswant Singh मात्र 10 दिन बाद ही 22 फरवरी को सेवानिवृत हो रहे है. वे वर्तमान में उड़ीसा हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज है और सोमवार को शपथ ग्रहण के बाद मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके साथ मात्र 10 दिन का कार्यकाल रहेगा.

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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में हुई कॉलेजियम की बैठक में जस्टिस जसवंत सिंह के लिए पूर्व में की गई सिफारिश को वापस लेने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है.

5 माह का लंबा इंतजार

गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता में 28 सितंबर 2022 को हुई कॉलेजियम की बैठक में दो मुख्य न्यायाधीशों के तबादले के साथ ही जस्टिस जसवंत सिंह को उड़ीसा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.

कॉलेजियम ने जिन दो मुख्य न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की थी उसमें से एक उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस मुरलीधर भी शामिल थे.

कॉलेजियम ने जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला उड़ीसा से मद्रास हाईकोर्ट में करते हुए जस्टिस सिंह को उड़ीसा सीजे बनाने की सिफारिश केंद्र को भेजी थी. केन्द्र जस्टिस मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य बनाने की सिफारिश से सहमत नहीं हुआ, जिसके चलते 28 सितंबर 2022 से जस्टिस मुरलीधर का तबादले का आदेश पेंडिंग है.

ऐसे में जस्टिस मुरलीधर के तबादले को मंजूरी नहीं मिलने से उड़ीसा हाईकोर्ट का पद रिक्त नहीं हो पाया, और ना ही जस्टिस जसवंत सिंह उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ही बन पाए.

केंद्र के रुख को देखते हुए ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस जसवंत सिंह को उड़ीसा की बजाए त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की. सेवानिवृति से एक माह पूर्व कॉलेजियम ने जस्टिस सिंह को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश कर उनकी वरिष्ठता को फिर से एक सम्मान दिया .

25 जनवरी को कॉलेजिमय द्वारा सिफारिश करने के 18 दिन बाद जस्टिस सिंह की नियुक्ति होने से मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल देश की न्यायपालिका के इतिहास में सबसे छोटा 9 दिन का कार्यकाल होगा.

2007 में बने थे हाईकोर्ट जज

23 फरवरी 1961 को हरियाणा के रोहतक में जन्में मूल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस जसवंत सिंह वर्तमान में उड़ीसा हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज है. रोहतक और मसूरी में अपनी प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से उन्होंने लॉ डिग्री की हासिल की.

वर्ष 1986 में एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराने के साथ ही उन्होंने सिरसा जिला अदालत में वकालत का सफर शुरू किया. दो वर्ष बाद ही अप्रैल 1988 में वे चण्डीगढ शिफ्ट हो गए और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने लगे.

वर्ष 1991 में उन्हे हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए एडवोकेट जनरल कार्यालय में सरकारी अधिवक्ता से लेकर AAG तक बने.

करीब 20 वर्ष की वकालत के बाद उन्हें 5 दिसंबर 2007 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में 14 वर्ष तक जज रहने के बाद 8 अक्टूबर 2021 को तबादले के बाद उन्हे उड़ीसा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया.