विपक्षी नेताओं को न्याय देने में जजों को सरकार का डर? सांसद महुआ मोइत्रा धन्यवाद प्रस्ताव में क्या बोल गई
Judge Scared Of Give Justice To Opposition Leaders: अठारहवीं (18वीं) लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपने विचार रखें. पिछली बार उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी, दोबारा से जीत कर आई है. अपने संबोधन में महुआ ने उस दुख को भी बयां किया. हालांकि महुआ ने लोकसभा के पहले सत्र में दिए अपने संबोधन में 'न्यायपालिका की भूमिका' पर चिंता जाहिर की है. सांसद ने न्यायपालिका को एक मजबूत स्तंभ के तौर पर खड़े रहने और जजों के बीच न्यायिक अखंडता का जोड़ दिया. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का ये बयान राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आया.
न्यायपालिका अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें: महुआ मोइत्रा
महुआ मोइत्रा ने अपने ट्विट किया. ट्विट में वह लिखती है. पीएमएलए कोर्ट के जज का बेटा डीडीए पैनल में हो सकता है और मोटी फीस पा सकता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्ति सुरक्षित करने के लिए एक दिन के लिए भी मुख्य न्यायाधीश बनना चाहते हैं. विपक्षी नेताओं को न्याय देने में वे डरते हैं. न्यायपालिका- कृपया अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें. ट्विट में मोइत्रा ने बार एंड बेंच नामक कानूनी दुनिया की खबरों से लोगों को रूबरू कराने वाली वेबसाइट को भी टैग किया है.
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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, महुआ ने जजों की सेवानिवृति आयु की चर्चा की. सांसद ने कहा कि हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष है, सुप्रीम कोर्ट जजों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष है. ऐसे में हाईकोर्ट के जजों को इस दौरान प्रमोशन के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के अनुरूप रहना पड़ता हैं जिससे वे सेवा में थोड़े समय और के लिए सेवा में बने रहें. मोइत्रा ने ये भी कहा कि ऐसा करके वे रिटायर होने के बाद भी अपने पदों जैसे मानवाधिकार आयोग के प्रमुख, विभिन्न न्यायाधिकरणों के प्रमुख आदि पर नियुक्त हो सकें.