एक साल से जेल में बंद AAP नेता सत्येन्द्र जैन ने जमानत के लिए Supreme Court में दायर की याचिका
नई दिल्ली: Money Laundering के आरोप में करीब एक साल से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता विधायक सत्येंद्र जैन ने जमानत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सत्येन्द्र जैन की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है.
निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने सत्येन्द्र जैन को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते है.
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हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन के साथ ही मामले में अन्य आरोपी अंकुश जैन व वैभव जैन को भी जमानत देने से इनकार कर दिया था.
पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ईडी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की है.
एक माह बाद चुनौती
Delhi High Court से Money laundering case में जमानत खारिज होने के करीब एक माह बाद अब सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की गयी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च 2023 को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. 6 अप्रैल 2023 को जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए Delhi High Court ने जमानत खारिज कर दी थी.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले साल 17 नवंबर को उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. जिसके खिलाफ जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
मई 2022 में गिरफतार
सत्येंद्र जैन को Money Laundering के मामले में 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है. दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
जैन की ओर से हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गयी थी, जिसमें उनकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह प्रथम दृष्टया अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे.
ईडी ने 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई के दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत मिल चुकी है.
ट्रायल कोर्ट ने वैभव जैन और अंकुश जैन को भी यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जानबूझकर अपराध छिपाने में सत्येंद्र जैन की सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रथम दृष्टया दोषी थे. इन दोनों अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं को हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था.
ED ने किया था विरोध
दिल्ली हाईकोर्ट में जैन की जमानत याचिका पर ईडी ने विरोध किया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन को जमानत मिलने पर गवाहों की जान को खतरे की आशंका बताते हुए कहा था कि जैन बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें जमानत मिलने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.