अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत, रिश्वत मामले में CBI-ED की जांच पर रोक
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी अंतरिम राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ अगली सुनवाई तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने इस मामले में बनर्जी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे.सुप्रीम कोर्ट 24 फरवरी को अभिषेक की याचिका पर सुनवाई करेगा.
सीजेआई की पीठ ने सिंघवी के मेंशन करने पर 24 अप्रैल तक जांच पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक रहेगी और किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कि जायेगी.
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सोमवार को सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मेंशन करते हुए हाईकोर्ट जज द्वारा की गई टिप्पणी का मामला भी उठाया.
दिए थे जाचं के आदेश
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 13 अप्रैल को दिए आदेश में कहा था कि ईडी और सीबीआई अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकते हैं और इस तरह की पूछताछ जल्द की जानी चाहिए. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने ये आदेश दिया था.
पीठ ने 29 मार्च, 2023 को अभिषेक बनर्जी द्वारा आयोजित एक जनसभा का भी संज्ञान लिया, जिसमें उन्होंने कुछ लोगों से यह बताकर उनका समर्थन करने का आग्रह किया कि जब वो लोग हिरासत में थे, तो पुलिस या पूछताछ करने वाली एजेंसियों ने उन पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव डाला.
CBI-ED की जांच
स्कूल नौकरी घोटाला मामले में आरोपी घोष ने हाल में आरोप लगाया था कि उन पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए जांचकर्ताओं द्वारा दबाव डाला जा रहा है, कुंतल घोष ने यह शिकायत 31 मार्च को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष और 1 अप्रैल को कोलकाता के हेस्टिंग्स पुलिस थाने में 29 मार्च को बनर्जी के उक्त भाषण देने की तिथि के आसपास की गई थी.
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस मामले में जांच की आवश्यकता बताते हुए सीबीआई को जांच को आदेश दिए थे. जज ने कहा था कि यह पूछताछ और जांच का विषय है कि क्या कुंतल घोष ने अभिषेक बनर्जी के सार्वजनिक भाषण से प्रेरणा ली, जिसके लिए दोनों से ईडी और सीबीआई दोनों द्वारा पूछताछ की जा सकती है और इस तरह की पूछताछ जल्द की जानी चाहिए.