Recurring Deposit समेत कुछ बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ी, PPF में कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली: सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिये आवृत्ति जमा (Recurring Deposit -RD) समेत कुछ बचत योजनाओं पर शुक्रवार को ब्याज दर 0.3 प्रतिशत तक बढ़ा दी. न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, बैंकों में जमाओं पर बढ़ती ब्याज दरों के बीच यह कदम उठाया गया है.
हालांकि निवेशकों के बीच लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund- PPF) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है.
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सबसे ज्यादा 0.3 प्रतिशत ब्याज पांच साल के आवृत्ति जमा (आरडी) पर बढ़ाया गया है. इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आवृत्ति जमा धारकों को 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 6.2 प्रतिशत था.
Also Read
- Unified Lending Interface: जैसे UPI ने पेमेंट सिस्टम सुधारा, वैसे ही ULI लोन सिस्टम को सुधारेगा, RBI गवर्नर ने किया दावा
- Jharkhand High Court ने जामताड़ा- देवघर- साहिबगंज से हो रहे Cyber Fraud को रोकने के लिए RBI से मांगा प्लैन
- बिना पहचान प्रमाणपत्र के 2,000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दायर याचिका पर Supreme Court का फैसला
ब्याज दरों की समीक्षा
ब्याज दरों की समीक्षा के बाद डाकघरों में एक साल की मियादी जमाओं (एफडी) पर ब्याज 0.1 प्रतिशत बढ़कर 6.9 प्रतिशत मिलेगा.
वहीं दो साल की मियादी जमा पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो अब तक 6.9 प्रतिशत था. हालांकि तीन साल और पांच साल की मियादी जमाओं पर ब्याज को क्रमश: 7.0 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. इसके साथ पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज को 7.1 प्रतिशत और बचत खाते में जमा पर ब्याज को 4.0 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है.
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर भी एक जुलाई से 30 सितंबर, 2023 तक के लिये ब्याज को 7.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 8.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और किसान विकास पत्र पर ब्याज क्रमश: 8.2 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत रहेगा.
RBI की पहल
इसके पहले, जनवरी-मार्च तिमाही के साथ-साथ अप्रैल-जून तिमाही में भी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज बढ़ाये गये थे. लघु बचत योजना पर ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं. मासिक आय योजना पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इस पर पहले की तरह 7.4 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा.
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. इससे जमाओं पर भी ब्याज दरें बढ़ी हैं. हालांकि केंद्रीय बैंक ने पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई इजाफा नहीं किया है.