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'लड़कों के साथ हो रही नाइंसाफी': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से कही कन्सेंट एज कम करने की बात

Madhya Pradhesh HC Asks Centre to Decrease Consent age from 18 to 16

POSCO Act के तहत एक मामले की सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि उन्हें कन्सेंट एज 18 से कम करके 16 कर देनी चाहिए

Written By My Lord Team | Published : June 30, 2023 5:50 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर पीठ (Gwalior Bench) ने केंद्र को यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम के तहत उम्र की मौजूदा 18 से घटाकर 16 साल करने पर विचार करने की सिफारिश की है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस (IANS) के मुताबिक, हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी 17 वर्षीय लड़के की याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिस पर ग्वालियर में 14 वर्षीय लड़की की शिकायत के आधार पर पॉक्‍सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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आरोपी को 2020 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। स्‍कूल में पढ़ने वाली लड़की गर्भवती हो गई थी और 2020 में अदालत की अनुमति से उसका गर्भपात कराया गया था।

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शुक्रवार को बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि शारीरिक संबंध दोनों (पीड़ित और आरोपी) की सहमति से बने थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी और केंद्र से उम्र सीएमा 18 से घटाकर 16 करने पर विचार करने का अनुरोध किया।

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HC ने सरकार से कही ये बात

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने कहा, इंटरनेट के युग में, युवा बहुत पहले परिपक्व हो रहे हैं। कई युवा 18 वर्ष की आयु सीमा पूरी करने से पहले शारीरिक संबंध बनाते हैं और कभी-कभी, उनपर बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है और उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है।

साथ ही, यह भी कहा है कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल ने बच्चों को उम्र से पहले परिपक्व बना दिया है और ऐसे में लड़का-लड़की सही उम्र से पहले ही एक दूसरे से शारीरिक तौर पर अट्रैक्ट हो जाते हैं। अदालत ने यह कहा है कि इस तरह के मामलों में लड़कों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, वो क्रिमिनल नहीं हैं।

गौरतलब है कि कुछ वर्षों में कई राज्यों के उच्च न्यायालयों ने इसकी सिफारिश की है। 2022 में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी संसद से सहमति की उम्र के मुद्दे पर फिर से विचार करने की भी अपील की थी।