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भारतीय मसालों में गोमूत्र होने का दावा: Delhi High Court ने Google को ऐसे वीडियो हटाने के दिए आदेश

Google कंपनी की ओर से अदालत को दी गयी जानकारी के आधार पर Delhi High Court नेYoutube चैनल 'टीवीआर' और 'व्यूज एन न्यूज' को समन जारी करते हुए यूट्यूब से ऐसे सभी वीडियो हटाने का आदेश दिया है जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय मसालों में गाय का गोबर और गाय का मूत्र मिलाया जाता है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 5, 2023 3:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए गूगल को यूट्यूब से ऐसे वीडियो हटाने का आदेश दिया है जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय मसालों में गाय का गोबर और गाय का मूत्र मिलाया जाता है.

कैच ब्रांड मसाले बेचने वाली कंपनी धर्मपाल सत्यपाल संस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए गए है.

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Justice Sanjeev Narula ने इस बात पर सहमति जताई है कि इस तरह के वीडियो के जरिए वादी के ब्रांड को बदनाम करना चाहते है. पीठ ने दो यूट्यूब चैनलों को कंपनी को बदनाम करने और कॉपीराइट का उल्लंघन करने पर भी रोक लगाई है.

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धर्मपाल सत्यपाल संस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से यूट्यूब चैनलों पर आपत्तिजनक वीडियो पाए जाने के बाद मुकदमा दायर किया था.

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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वीडियो में बिना किसी आधार के कंपनी के बारे में बदनाम करने वाली टिप्पणियां की गई है.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता कंपनी ने प्रमाणित लैब से एक स्वतंत्र खाद्य विश्लेषण की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है, जिसमें गाय के गोबर, गोमूत्र या किसी अन्य दूषित पदार्थों की उपस्थिति नही पायी गयी है.

सुनवाई के दौरान गूगल कंपनी की ओर से जवाब पेश करते हुए कहा गया कि अदालत के पहले के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए तीीन वीडियों को हटा दिया गया है.

गूगल की ओर से इस तरह के वीडियो अपलोड करने वाले यूट्यूब चैनल 'टीवीआर' और 'व्यूज एन न्यूज' की भी जानकारी दी गयी.

सभी पक्षो की दलीलों सुनने और गूगल कंपनी की ओर से अदालत को दी गयी जानकारी के आधार पर हाईकोर्ट ने यूट्यूब चैनल 'टीवीआर' और 'व्यूज एन न्यूज' को समन जारी करते हुए यूट्यूब से ऐसे सभी वीडियो हटाने का आदेश दिया है जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय मसालों में गाय का गोबर और गाय का मूत्र मिलाया जाता है.

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस आरोप के प्रति सहमति जताई कि इसके जरिए ​भारतीय मसालों को बदनाम किया जा रहा है.