District Courts में सक्रिय दलालों का संगठित गिरोह, पुलिस से भी सांठगांठ, बढ़ते Fake Marriage Registration के मामलों पर HC की चिंता
यह सामान्य सी बात है कि अगर कहीं नवयुवकों को ब्लॉक, जिला से कोई सर्टिफिकेट बनवाने को कहा जाए तो वे उचित तरीकों की जगह शार्टकट खोजते हैं, वे सरकारी कार्यालयों के बाहर चक्कर काटते दलालों को खोजकर, सौ-दो सौ देकर अपना काम निकलवाने की जल्दी में रहते हैं. अब यूपी का मामला है, जहां अंतरधार्मिक विवाद करने पर मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. सरकारी कार्यलयों में मैरिज रजिसट्रेशन करवाने से सरकारी सुरक्षा मिलने के आसार बढ़ जाते हैं. अब जब अंतरधार्मिक मामलों में कपल सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाते हैं, तो वहां खुलासा होता है कि मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फेक है, जाहिर सी बात है कि कपल ने इन सर्टिफिकेट को दलालों से बनवाया होगा. इस बात पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा, ये हम आपको बताएंगे नीचे, उससे पहले निवेदन करेंगे कि आप अपने मन से डर निकाल दें कि सरकारी कार्यलयों में मानक तरीकों से काम नहीं होता, आप अपने कागज व सर्टिफिकेट स्वयं जाकर बनवाएं. तो आइये चलते असल घटनाक्रम पर....
जिला अदालतों के बाहर पनप रहे गिरोह
इलाहाबाद हाईकोर्ट भगोड़े कपल की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही थी. अदालत को कपल द्वारा दिए गए आर्य समाज के मैरिज सर्टिफिकेट पर शक हुआ, अदालत ने इसकी जांच करवाई तो सर्टिफिकेट जाली निकला. अदालत पुलिस से लेकर दलाल ट्रस्टियों तक को जमकर लताड़ा.
अदालत ने कहा,
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"धार्मिक ट्रस्टों के नाम पर जिला अदालतों के आस-पास दलालों और एजेंटों का गिरोह पनप चुका है, जिसमें दलाल से लेकर कानूनी पेशेवर भी शामिल हैं और ये दलालों के गिरोह जाली सर्टिफिकेट के सहारे फेक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने में लगे हुए हैं."
फेक मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के खेल पर अदालत ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया. अदालत ने कहा कि ये सब धंधा स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से हो रहा है. पुलिस ही ऐसे बदमाशों को बचाती है. अदालत ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे अब तक क्यों नहीं फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले लोगों को पकड़ पाने में असफल रही है. पुलिस की इसी नाकामी की वजह से फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर भगोड़े कपल सुरक्षा पाने में सफल हो जाते हैं.
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को भगोड़े कपल द्वारा दिए मैरिज सर्टिफिकेट सहित सभी कागजात फर्जी निकलें हैं. बता दें कि अदालत ने फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर आर्य समाज ट्रस्टों और विवाह प्रमाण पत्र जारी करने वाले सभी संस्थानों की जांच करने के निर्देश दिए थे.
अब इस मामले की 19 नवंबर को होगी.