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तीन साल में केन्द्र ने कॉलेजियम की 18 सिफारिशों को लौटाया, कॉलेजियम ने 6 के नाम फिर से दोहराये

तीन वर्ष की अवधि में केन्द्र द्वारा वापस भेजे गए 18 में से 6 नाम को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दोबारा सिफारिश की है. वही 18 में से 7 नामो के लिए उनके संबंधित हाईकोर्ट कॉलेजियम से अधिक इनपुट मांगे गए वही 5 नाम की सिफारिश को उनके हाईकोर्ट को वापस भेज दिया गया.

Written By Nizam Kantaliya | Published : February 2, 2023 12:06 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में बताया है कि देश की उच्च न्यायपालिका में पिछले तीन साल में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 18 सिफारिशों को वापस लौटा चुका है. वही 64 सिफारिशें वर्तमान में प्रक्रियाधीन है.

देश की सर्वोच्च अदालत में जनवरी 2019 से  जनवरी 2023 तक तीन वर्ष की अवधि में कुल 22 जजों की नियुक्ति की जा चुकी है. वही देशभर के हाईकोर्ट में इसी अवधि के दौरान 446 जजों की नियुक्ति की गई है.

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माकपा नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा की ओर से पूछे गए दो सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री ने सदन को ये जानकारी दी है.

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कानून मंत्री ने राज्यसभा में दिए अपने जवाब में कहा है कि सरकार ने जजशिप के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई 18 सिफारिशों का विरोध किया है और उन फाइलों को कॉलेजियम को वापस कर दिया है.

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अब भी विचाराधीन

देश की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 5 जजों के नाम की भेजी गयी सिफारिश को लेकर केंद्र ने जवाब दिया है. कानून मंत्री के अनुसार 5 जजों की नियुक्ति की सिफारिश फिलहाल विचाराधीन है.

गुरुवार को आप नेता राघव चड्ढा के सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि 20 जनवरी 2023 तक देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों पर 27 जज कार्यरत है. रिक्त 7 पदों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 5 जजों की नियुक्ति का प्रस्ताव सरकार को भेजा है जो कि अभी विचाराधीन है. वही 2 और जजों की नियुक्ति की सिफारिश 31 जनवरी को ही सरकार को प्राप्त हुई है.

142 नाम प्रक्रियाधीन

देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति की जानकारी देते हुए कानून मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि देश के 25 हाईकोर्ट में 1108 स्वीकृत जजों के पद पर कुल 775 जज कार्यरत है. वही देशभर के हाईकोर्ट में जजों के कुल 333 पद रिक्त है.

देश के सभी हाईकोर्ट में रिक्त 333 पदों के लिए अलग अलग हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजी गयी 142 नाम की सिफारिशें केंद्र सरकार के पास विभिन्न चरण में प्रक्रियाधीन है. कानून मंत्री के अनुसार हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 11 नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा स्थगित कर दिए गए.

कानून मंत्री के अनुसार इन 142 नामों की सिफारिशों में से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के समक्ष 67 नाम की सिफारिशें भेजी गई हैं. वही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे जाने के साथ ही अलग अल चरणों में प्रक्रियारत 64 नाम शामिल है.

सरकार ने लौटायी सिफारिशें

तीन वर्ष की अवधि में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी गई सिफारिशों में 18 नाम केन्द्र सरकार द्वारा वापस लौटाए गए है.

केन्द्र द्वारा वापस भेजे गए 18 में से 6 नाम को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दोबारा सिफारिश की है. वही 18 में से 7 नामो के लिए उनके संबंधित हाई कोर्ट कॉलेजियम से अधिक इनपुट मांगे गए वही 5 नाम की सिफारिश को उनके हाईकोर्ट को वापस भेज दिया गया.

केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में दिए अपने जवाब में कहा है कि "सरकार उच्च न्यायपालिका में जजों के पदों को तेजी से भरने के लिए प्रतिबद्ध है"