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दूसरी शादी करने वाला व्यक्ति अपनी पहली पत्नी की Maintenance के लिए बाध्य है: Calcutta High Court

Husband Liable to pay maintenance to first wife even after second marriage

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी कर लेता है, तब भी वो अपनी पहली पत्नी की देखभाल और रख-रखाव के लिए बाध्य रहेगा...

Written By Ananya Srivastava | Published : August 1, 2023 11:13 AM IST

नई दिल्ली: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह कहा है कि अगर एक व्यक्ति किसी से दोबारा शादी करता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि वो अपनी पहली बीवी के रख-रखाव (Maintenance) का ध्यान नहीं रखेगा. दूसरे विवाह के बाद भी पहली पत्नी का ध्यान रखना उस व्यक्ति की जिम्मेदारी है, वो ऐसा करने के लिए बाध्य है।

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायाधीश शम्पा दत्त (पॉल) (Justice Shampa Dutt Paul) की एकलपीठ ने यह बात सोमवार को कही है, और मामले में सेशन्स कोर्ट के फैसले को खारिज भी कर दिया है।

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अदालत ने कही ये बात

मामले में अपना फैसला सुनाते समय, जस्टिस शम्पा दत्त पॉल ने ऑर्डर में यह कहा कि अपने पर्सनल लॉ की अनुमति से अगर कोई व्यक्ति दूसरी बार शादी करता है, तो यह उसका कर्तव्य है कि वो अपनी पहली पत्नी की देखभाल करे जिसके साथ उसका नौ साल का रिश्ता था।

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एक महिला जिसने इतने सालों तक परिश्रमपूर्वक, ईमानदारी और प्यार से अपने पति के साथ समय बिताया है, वह तब तक देखभाल की हकदार है, जब तक उसे इसकी आवश्यकता है।

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जानें क्या था पूरा मामला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि याचिकाकर्ता यानी पहली पत्नी ने अपने पति से अक्टूबर, 2003 में शादी की थी लेकिन अक्टूबर, 2012 में उसे घर से इसलिए निकाला गया क्योंकि ससुराल वालों की दहेज की मांगें पूरी नहीं हुई थीं। पति ने कथित तौर पर दूसरी शादी भी कर ली थी।

इस मामले में सबसे पहले फैमिली कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि पति अपनी पहली पनि को छह हजार रुपये की मासिक मेंटेनेन्स देंगे. इस फैसले को रद्द करते हुए सेशन्स जज ने इस राशि को कम करके चार हजार रुपये कर दिया।

याचिकाकर्ता ने सेशन्स कोर्ट के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जहां सेशन्स कोर्ट के फैसले को रद्द करके हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के हित में फैसला सुनाया।