रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान हाईकोर्ट आज सुना सकता है फैसला
नई दिल्ली, राजस्थान के बीकानेर जिले में जमीन खरीद फरोख्त में कथित घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा की गिरफतारी के मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई पूर्ण कर ली है. अब गुरूवार को राजस्थान हाईकोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है.
बीकानेर जिले में जमीन की खरीद फरोख्त में हुए घोटाले को लेकर ईडी ने राबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ करने को लेकर करीब दो वर्ष पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया था. जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. अब तक इस मामले पर करीब 80 से अधिक बार सुनवाई हो चुकी हैं.
तीन दिन तक मैराथन बहस
पिछले तीन दिन से हुई मैराथन सुनवाई के बाद आज हाईकोर्ट ने ईडी के प्रार्थना पत्र पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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सुनवाई के दौरान रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) को रद्द करने की प्रार्थना करते हुए कहा कि अब तक उन्हे इसकी प्रति तक नहीं दी गयी हैं.
ईडी की और से पेश हुए एडिशनल सॉलिस्टर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने गिरफ्तारी पर लगी रोक का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में 2018 से एक्स पार्टी स्टे चल रहा है और रॉबर्ट वाड्रा की हिरासत में जांच के लिए ईडी द्वारा दायर आवेदन पर अदालत ने आदेश पारित किया था कि मामले की अंतिम सुनवाई की जाएगी और अब यह अंतिम सुनवाई के लिए है.
फैसला सुरक्षित रखा
एएसजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ईडी मामले में दिए फैसले के अनुसार ईसीआईआर की प्रति उन्हें नहीं दी जा सकती है. ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली रिट दायर करना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और यह रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगियों द्वारा गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले पर फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रखा है.
क्या है मामला
रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2012 में राजस्थान के बीकानेर जिले में कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी थी. बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी. यह जमीन सेना की थी और इसका बेचान नहीं जा सकता था.
यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए. फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया.
वाड्रा का सहयोग नहीं
इस मामले में ईडी ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के लिए रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ भी की. लेकिन
ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा पर पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर पूछताछ किए जाने की आवश्यकता बताई.
इसके खिलाफ बिचौलिए महेश नागर और कंपनी की और राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट ने वाड्रा सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
वर्ष 2021 में ईडी ने याचिका में एक अर्जी पेश कर वाड्रा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की जरूरत बताई थी. इस अर्जी पर हाईकोर्ट की एकलपीठ सुनवाई कर रही है.