Advertisement

Hathras case: उत्तरप्रदेश सरकार की अपील को Supreme Court ने किया खारिज, पीड़िता के परिवार के सदस्य को देनी होगी नौकरी

उत्तरप्रदेश सरकार ने Allahabad High court  के 26 जुलाई 2022 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, इस फैसले में हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार को दूसरी जगह पुर्नस्थापित करने और परिवार के सदस्य को नोकरी देने के आदेश दिए थे.

Written By Nizam Kantaliya | Published : March 27, 2023 9:18 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसके जरिए सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले केा चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने मामले में पीड़िता के परिवार के सदस्य को नौकरी देने के आदेश दिए थे.

CJI DY Chandrachud, Justice PS Narasimha और Justice JB Pardiwala की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने पर हैरानी भी जताई.

Advertisement

राज्य सरकार का तर्क खारिज

अपील पर सुनवाई के दौरान उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने पीठ के समक्ष कानूनी बिंदू के रूप में सवाल करते हुए कहा कि क्या पीड़िता के बड़े विवाहिता भाई को आश्रित की श्रेणी मे माना जा सकता है.

Also Read

More News

प्रसाद ने पीठ को बताया कि राज्य सरकार परिवार को स्थानांतरित करने के लिए तैयार है, लेकिन "वे नोएडा या गाजियाबाद या दिल्ली स्थानान्तरण होना चाहते हैं".

Advertisement

अतिरिक्त् महाधिवक्ता ने पीठ से अनुरोध किया कि पीड़िता के बड़े विवाहिता भाई को आश्रित की श्रेणी मे शामिल करने के कानून सवाल को खुला रखा जाए.

CJI ने सरकार के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि पीठ इस मामले में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है क्योकि हाईकोर्ट ने मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए आदेश दिया है.

हाईकोर्ट का आदेश

उत्तरप्रदेश सरकार ने Allahabad High court  के 26 जुलाई 2022 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, इस फैसले में हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार को दूसरी जगह पुर्नस्थापित करने और परिवार के सदस्य को नोकरी देने के आदेश दिए थे.

गौरतलब है कि हाथरस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वप्रेणा प्रंसज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई करते हुए पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था.

उत्तरप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को संविधान के खिलाफ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.