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विकलांग नाबालिग लड़की के साथ रेप और मर्डर पर हरियाणा कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Palwal Rape Murder Case

हरियाणा के एक कोर्ट ने रेप और मर्डर के मामले में दो आरोपियों को मृत्यु दंड दिया है। मामला क्या था और इसपर अदालत का क्या कहना है, जानिए

Written By My Lord Team | Updated : June 10, 2023 3:46 PM IST

नई दिल्ली: हरियाणा की एक अदालत में एक विकलांग नाबालिग लड़की के बलात्कार और मर्डर का मामला आया था जहां कोर्ट ने POCSO Act के तहत सजा सुनाई है। मामला क्या था और अदालत ने क्या दंड दिया है, आइए सबकुछ जानते हैं...

हरियाणा की एक अदालत के पास नौ साल की एक विकलांग बच्ची के बलात्कार और मर्डर का मामला आया है। बता दें कि ये केस पलवल के एक स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट (Special Fast Track Court, Palwal) का है जिसमें इस बहरी और गूंगी बच्ची के रेप और मर्डर में शामिल दो आदमियों को जान से मारने की सजा सुनाई गई है।

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अडिश्नल सेशन्स जज प्रशांत राणा ने यह कहा है कि इन आदमियों का गुनाह बहुत बड़ा और 'क्रूर और असभ्य' (Brutal and Barbaric) है। कोर्ट ने यह नोट किया है कि इस बच्ची के हाथों को बांध दिया गया था, आंखों को बीड़ी से जलाया गया था और फिर उसका बार-बार रेप किया गया था। अदालत के हिसाब से ये मामला 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी में आता है और इसमें मृत्युदंड से कम कोई सजा नहीं बनती है।

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हरियाणा कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

बच्ची के रेप के लिए जिन दो आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनकी उम्र 22 से 27 साल के बीच है और दोनों पीड़ित के पड़ोसी थे। इनमें से एक आरोपी ने पीड़ित को अमरूद खरीदने के लिए 20 रुपये दिए और वो रास्ते में थी जब उसे दोनों ने पकड़ लिया, एक खेत में लेकर गए और वहां उसके साथ ये घिनौनी हरकत की। रेप के बाद उसकी वहीं मौत हो गई थी क्योंकि दोनों ने उसका गला रस्सी से दबा दिया था।

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दोनों आरोपियों को 'यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम' (Prevention of Children from Sexual Offences Act) की धारा 6- 'गुरुतर पर्यवेक्षण लैंगिक हमला' (Punishment for aggravated penetrative sexual assault) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364- खून करने के लिए अपहरण करना (Kidnapping to Murder), 302- खून करना (Murder) और 201- साक्ष्यों को गायब करना (Causing Disappearance of Evidence) के तहत दोषी करार दिया गया है। दोनों को मृत्यु दंड सुनाया गया है।