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Guruvayur Temple: मंदिर परिसर में मुस्लिम महिला के केक काटने से केरल HC नाराज, वीडियोग्राफी सहित इन कार्यों पर रोक लगाने के दिए आदेश

केरल हाईकोर्ट

मुस्लिम महिला द्वारा मंदिर परिसर में केक काटने से नाराजगी जाहिर करते हुए केरल हाईकोर्ट ने गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में जन्मदिन मनाने पर रोक लगा दी है. केरल हाईकोर्ट ने कहा कि मंदिर का बाहरी प्रांगण ऐसी गतिविधियों के लिए उपयुक्त नहीं है. अदालत ने व्लॉगर्स द्वारा वीडियोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

Written By Satyam Kumar | Published : September 20, 2024 12:45 PM IST

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवायूर श्री कृष्ण मंदिर के महता बरकरार रखने के निर्देश देते हुए कि मंदिर परिसर जन्मदिन समारोह जैसी गतिविधियों के लिए उपयुक्त जगह नहीं है (Kerala High Court on Sri Guruvayur Temple). केरल हाईकोर्ट ने मंदिर के बाहरी प्रांगन में केरल हाईकोर्ट ने गुरुवायूर श्री कृष्ण मंदिर में जन्मदिन समारोह पर रोक लगाते हुए टिप्पणी की है कि मंदिर जन्मदिन का केक काटने के लिए उपयुक्त जगह नहीं है.अदालत ने गुरुवायूर देवस्वोम प्रबंध समिति को मंदिर में व्लॉगर्स द्वारा वीडियोग्राफी पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया है.

मंदिर परिसर में जन्मदिन मनाने-वीडियोग्राफी पर लगाई रोक

केरल हाईकोर्ट में जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजितकुमार की खंडपीठ ने रिकार्ड पर रखे गए सबूतों की समीक्षा करते हुए कहा कि मंदिर व मंदिर का बाहरी प्रांगन (नादपंथल) जन्मदिन मनाने के लिए उपयुक्त जगह नहीं है. अदालत ने आगे कहा कि मंदिर प्रबंधन समिति अपने मंदिर में वीडियोग्राफी आदि गतिविधियों पर भी रोक सुनिश्चित करे. हालांकि अदालत ने पूजन संबंधी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी की इजाजत दी है.

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इस दौरान केरल ने अपने पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गुरुवायुर देवस्वोम अधिनियम, 1978 की धारा 10 के अनुसार देवस्वोम प्रबंध समिति का कार्य मंदिर समिति का है.

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क्या है मामला?

केरल हाईकोर्ट मे ये रिट याचिका गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के दो भक्तों पीपी वेणुगोपाल और बबीता मोल बी ने दाखिल की है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मंदिर परिसर में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर निर्देश देने की मांग की. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि मुस्लिम महिला ना केवल मंदिर परिसर में घुसी बल्कि मंदिर की पवित्रता को भंग करने का प्रयास कर केरल हिंदू सार्वजनिक पूजा स्थल (प्रवेश का प्राधिकरण) अधिनियम, 1965 का उल्लंघन किया. अपनी पक्ष मजबूत करने के लिए याचिकाकर्ता ने मुस्लिम महिला के कृत्यों को पुष्ट करने के लिए वीडियो साक्ष्य भी दिए, जिसमें उसे नादपंथल में जन्मदिन का केक काटते और भक्तों के साथ बहस करते हुए दिखाया गया था.

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