Gujarat HC ने मानहानि मामले में Rahul Gandhi की सजा पर रोक लगाने से किया इनकार
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले (Defamation Case) में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का कांग्रेस नेता को दोषी ठहराने का आदेश न्यायसंगत, उचित और वैध’’ है।
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पीटीआई (PTI) के हिसाब से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव, के सी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने यह कहा है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने ये जो राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया है, उस ऑर्डर को वो उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में चुनौती देंगे।
राहुल गांधी को सुनाई गई थी सजा
अदालत ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है। यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
जानें क्या था मामला
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी। नीरव मोदी, ललित मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साथ एक ही पंक्ति में रखते हुए काँग्रेस नेता ने कहा था, नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। ऐसा क्यों है कि सभी चोरों का सरनेम समान है, 'मोदी' है?" इस टिप्पणी को लेकर विधायक ने गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।