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‘राज्यपाल सरेआम आदेशों की अनदेखी कर रहें हैं’, CJI DY Chandrachud ने अटॉर्नी जनरल से कहा, जानें क्या हुआ?

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, सुप्रीम कोर्ट

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बीच के पोनमुडी को कैबिनेट में दोबारा से शामिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को चेतावनी देते हुए कहा कि तय नियमों के अनुरूप कार्य करने के आदेश दिए हैं.

Written By My Lord Team | Published : March 21, 2024 5:52 PM IST

K Ponmudi: ऐसा पहली बार नहीं है, जब राज्यपाल और राज्य के बीच विवाद हुआ हो. किन्तु इस बार विवाद इतना बढ़ गया कि राज्यपाल के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा. राज्यपाल सरेआम हमारे फैसलों की अनदेखी कर रहें हैं. जब हमने के पोनमुडी की सजा पर रोक लगाई है, तो राज्यपाल को उन्हें कैबिनेट में शामिल करने में क्या परेशानी हो रही हैं? कल तक का समय हैं, राज्यपाल उचित निर्णय लें, नहीं तो हमें कड़ी कार्रवाई करने को बाध्य होंगे. 

सर्वोच्च न्यायालय में क्या हुआ?

तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. बेंच में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हुए. बेंच ने तमिलनाडु राज्यपाल आर एन रवि से नाराजगी जाहिर की. 

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CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 

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“हम राज्यपाल के आचरण को लेकर चिंतित हैं. वह सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना कर रहे हैं. जब दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई है, तो राज्यपाल को अन्यथा कहने का कोई अधिकार नहीं है.” 

बेंच ने चिंता जाहिर की. राज्यपाल एक संवैधानिक इकाई है. उन्हें सरकार के साथ सहमति बनाए रखनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द इस मसले को सुलझाए, वर्ना हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को बाध्य हैं. 

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Governor से है तकरार

तमिलनाडु के वर्तमान राज्यपाल आरएन रवि है. वहीं, के पोनमुडी को कैबिनेट में शामिल करने के विषय पर गवर्नर साहब और राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बीच तकरार छिड़ी हुई है. गवर्नर ने राज्य की सहमति के बाद भी कैदियों को समय से पहले रिहा करने वाले बिल को मंजूरी नहीं दी है. यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है.

K Ponmudi को कैबिनेट में शामिल करें

अब, के पोनमुडी को राज्य की कैबिनेट में जगह देने के फैसले को भी राज्यपाल ने मंजूरी देने से इंकार किया है. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. राज्य की मांग है कि वे पोनमुडी को कैबिनेट में शामिल करना चाहते है. उन्हें हुई सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च, 2024 के दिन रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वे दोबारा से विधानसभा सदस्य के रूप में शामिल हो गए है. और सदस्य बनने के बाद हम उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल करना चाहते हैं.

राज्यपाल ने क्या किया है?

वहीं, राज्यपाल आरएन रवि ने इस पर अनिच्छा जताई है. राज्यपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाई है. उन्हें सजामुक्त नहीं किया है. इसलिए संवैधानिक मूल्यों को ध्यान में रखकर ऐसा नहीं किया जा सकता है.