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Go First Case: पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों के खिलाफ न्यायालय में कैविएट दाखिल

Go First Airlines _Instagram

एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक ऋण शोधन समाधान कार्यवाही शुरू करने की अपील को स्वीकार कर लिया है. न्यायाधिकरण ने मामले में अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त किया.

Written By My Lord Team | Published : May 24, 2023 10:32 AM IST

नई दिल्ली: गो फर्स्ट के निलंबित निदेशक मंडल ने विमान पट्टे पर देने वाली वाली चार कंपनियों के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कैविएट दाखिल किया. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार कैविएट याचिका दाखिल करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उनकी बातों को सुने बिना उनके खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं किया जाए.

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार निलंबित निदेशक मंडल के चेयरमैन वरुण बेरी ने चार कैविएट आवेदन दाखिल किये हैं. पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों में एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लि., जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस बी वी (ईएलएफसी). इन कंपनियों के संकट में फंसी कंपनी के पास करीब 22 विमान हैं.

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भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण के सोमवार को जारी आदेश के खिलाफ कैविएट दाखिल किये गये हैं. इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ के 10 मई को पारित आदेश को बरकरार रखा गया है.

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एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक ऋण शोधन समाधान कार्यवाही शुरू करने की अपील को स्वीकार कर लिया है. न्यायाधिकरण ने मामले में अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त किया.

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बेरी वाडिया समूह की दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली इकाई ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं.

विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां गो फर्स्ट के खिलाफ ऋण शोधन कार्यवाही शुरू करने का विरोध कर रही हैं और अपने उन विमानों को वापस लेने की मांग कर रही हैं जिनके पट्टे 10 मई से पहले समाप्त कर दिये गये थे.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने ऋण शोधन कार्यवाही का विरोध कर रही कंपनियों से विमानों को अधिकार में लेने और अन्य संबंधित दावों के संदर्भ में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के पास जाने को कहा है. भाषा की माने तो गो फर्स्ट तीन मई से उड़ानों का परिचालन नहीं कर रही है.