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वेब सीरीज 'स्कूप' पर रोक लगाने के लिए गैंगस्टर छोटा राजन ने Bombay High Court का दरवाजा खटखटाया

Chhota Rajan Files Plea Against Release of Netflix Series Scoop

नेटफ्लिक्स वेब सीरीज 'स्कूप' पर रोक लगाने के लिए गैंगस्टर छोटा राजन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसके पीछे क्या कारण है और छोटा राजन ने अदालत के सामने क्या मांगें रखी हैं, आइए जानते हैं

Written By My Lord Team | Updated : June 2, 2023 9:55 AM IST

मुंबई: जेल में बंद गैंगस्टर राजेंद्र निकल्जे उर्फ छोटा राजन (Gangster Chhota Rajan) ने वेब सीरीज “स्कूप” (Scoop) के खिलाफ बृहस्पतिवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में याचिका दायर की। उनका ऐसा मानना है कि इस सीरीज के माध्यम से उनके 'निजी अधिकारों' का उल्लंघन हुआ है!

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, छोटा राजन ने अदालत के सामने कहा है कि इस सीरीज में, उसकी पूर्व सहमति के बिना उसकी छवि का दुरुपयोग किया जा रहा है जो मानहानि के साथ-साथ उसके "निजी अधिकारों" के उल्लंघन के भी बराबर है।

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छोटा राजन ने अदालत के सामने रखी ये मांगें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गैंगस्टर छोटा राजन ने अदालत के सामने कुछ मांगें भी रखी हैं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने और उसका ट्रेलर हटाने के आदेश का अनुरोध किया। साथ ही, उसने हंसल मेहता (Hansal Mehta) और नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट सर्विसेज इंडिया (Netflix India) सहित सीरीज के निर्माताओं को उसके निजी अधिकारों का उल्लंघन करने से रोकने के लिए एक आदेश की भी मांग की।

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राजन ने साथ ही एक रुपये क्षतिपूर्ति की भी मांग की जिसका भुगतान उसे किया जाए या निर्माताओं द्वारा सीरीज के ट्रेलर के प्रसारण के माध्यम अर्जित धन को "सार्वजनिक भलाई या समाज के उत्थान" के लिए उपयोग लाने के लिए जमा किया जाए। राजन ने अपनी याचिका में कहा कि मई 2023 में उसे उसकी पत्नी ने सीरीज के ट्रेलर के बारे में बताया था।

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छोटा राजन की याचिका

याचिका में कहा गया है कि सीरीज के निर्माताओं को कभी भी राजन के नाम और छवि का उपयोग/दुरुपयोग करने, उसे किसी भी आवाज और/या किसी भी कार्यक्रम से जोड़ने की पूर्व अनुमति नहीं थी।

याचिका में कहा गया है, "इसलिए, वादी की पूर्व सहमति प्राप्त किए बिना वादी (राजन) के व्यक्तित्व की विशेषताओं का उपयोग या दुरुपयोग, जिसमें उसका नाम, कैरिकेचर, छवि, और/या कोई अन्य प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष संदर्भ शामिल है, वादी के व्यक्तित्व के अधिकार का उल्लंघन है और साथ ही मानहानि लायक है।"

उच्च न्यायालय की एक अवकाशकालीन पीठ याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है। बता दें कि ये सीरीज दो जून को ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स’ पर रिलीज हो गई है।