Delhi HC के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा को तीन साल बाद मिला पासपोर्ट
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को दिल्ली उच्च न्यायालय में कानूनी लड़ाई के उपरान्त तीन साल बाद 10 वर्ष की वैधता वाला पासपोर्ट जारी किया गया है. न्यूज़ एजेंसी भाषा को सूत्रों ने यह जानकारी रविवार को दी.
रिपोर्ट के अनुसार, महबूबा को दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पासपोर्ट मिल गया है. उनके पासपोर्ट की वैधता 2019 में समाप्त हो गई थी और वह तभी से इसके नवीनीकरण की मांग कर रही थीं. उनको दिए गए पासपोर्ट की वैधता अब एक जून 2023 से 31 मई 2033 तक है.
भाषा के अनुसार, महबूबा को ऐसे समय पासपोर्ट जारी किया गया है, जब दो दिन बाद जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में उनकी बेटी इल्तिजा की याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें उन्होंने खुद को देश-विशिष्ट पासपोर्ट देने के पासपोर्ट कार्यालय के फैसले को चुनौती दी है.
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इस वर्ष मार्च में, दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने पासपोर्ट प्राधिकरण से पीडीपी प्रमुख को नया यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए तीन महीने के भीतर फैसला लेने को कहा था.
न्यायमूर्ति ने अपने आदेश में कहा था, यह देखते हुए कि मामला पासपोर्ट अधिकारी को वापस भेज दिया गया है और प्रारंभिक अस्वीकृति दो साल पहले हुई थी, संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को शीघ्रता से और किसी भी स्थिति में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने दें.’’
अदालत का यह आदेश जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री की उस याचिका पर आया था, जिसमें उन्होंने नया पासपोर्ट जारी करने के संबंध में उनकी अपील पर अधिकारियों को जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.
महबूबा ने अपनी याचिका में कहा था कि कई बार स्मरण-पत्र भेजे जाने के बावजूद उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने में काफी देरी हुई.
उन्होंने कहा था कि उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है.
केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि दो मार्च को अपील पर एक आदेश पारित किया गया था और मामला नए सिरे से विचार के लिए जम्मू-कश्मीर में पासपोर्ट अधिकारी को भेजा गया है.
इस साल फरवरी में, महबूबा ने पासपोर्ट जारी करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा था कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को हज यात्रा पर मक्का ले जाने के लिए पिछले तीन साल से इसका इंतजार कर रही हैं.
गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सौंपी गई एक प्रतिकूल रिपोर्ट’’ का हवाला देते हुए महबूबा और उनकी मां को मार्च 2021 में पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया गया था.