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Film Certificate- जानिए क्या होता मूवी का फिल्म सर्टिफिकेट, क्या है इसके उद्देश्य

फिल्मों के रिलीज से पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) प्रत्येक फिल्म को एक प्रमाण पत्र जारी करता है. यह legal Organization है जो Ministry of Information and Broadcasting (भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) के अंतर्गत आता है.

Written By nizamuddin kantaliya | Published : December 19, 2022 6:27 AM IST

नई दिल्ली,  देश में फिल्म उद्योग लगातार आगे बढ़ रहा है, प्रतिवर्ष देश के फिल्म उद्योग में सैकड़ों फिल्में रिलीज की जा रही है. किसी भी फिल्म को रिलीज करने से पहले उसे भारत सरकार की ओर से एक सर्टिफिकेट लेना आवश्यक होता है.

जब फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाती है तो सबसे पहले फिल्म की शुरुआत में ही इस सर्टिफिकेट को दिखाया जाता है, जो कि उस फिल्म का प्रमाण पत्र होता है. किसी भी फिल्म को जारी किया गया सर्टिफिकेट या प्रमाणपत्र यह स्पष्ट करता है कि हमारे देश में उस फिल्म और उसमें दिखाए जाने वाले दृश्य शोभनीय और उचित या नहीं. साथ ही उस फिल्म को किस वर्ग के लिए प्रसारित किया जाएगा और उसे कितनी उम्र के लोग देख सकते है. बोर्ड की अनुमति के बिना फिल्म का प्रकाशन नहीं किया जा सकता है.

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क्या है CBFC बोर्ड

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन या केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की स्थापना सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत की गई थी. इससे पहले यह सेंसर बोर्ड के नाम से जाना जाता था. सेंसर बोर्ड के कुल 9 कार्यालय हैं, जो नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, कटक, गुवाहाटी और कोलकाता में स्थित है. वर्तमान में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी हैं. बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 25 अन्य गैर सरकारी सदस्य होते हैं.

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कौन करता है प्रमाणित

फिल्मों के रिलीज से पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) एक Legal Organization है जो Ministry of Information and Broadcasting (भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) के अंतर्गत आता है. यह बोर्ड हमारे देश की फिल्मों को उसके कंटेंट के हिसाब से सर्टिफिकेट देने का काम करता है. साथ ही CBFC सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 के तहत आने वाले provisions के हिसाब से फिल्मों को रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट देने का काम करता है. हमारे देश में बनने वाली जितनी भी फिल्में होती है, उन्हें रिलीज होने से पहले सेंसर बोर्ड से प्रमाणपत्र लेना पड़ता है.

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यहां तक देश के बाहर बनी हुई फिल्में जिन्हे हमारे देश की सीमा के भीतर प्रदर्शित किया जाना है, उन्हे भी प्रदर्शित करने से पूर्व प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है.

कितने प्रकार के होते हैं सर्टिफिकेट-

U सर्टिफिकेट:  यह सर्टिफिकेट ऐसी फिल्मों को दिया जाता है, जिसे हर वर्ग की दर्शकों के लिए प्रकाशित किया जाता है.

U/A सर्टिफिकेट:  यह सर्टिफिकेट सिर्फ उन फिल्मों को दिया जाता है, जिसे माता-पिता अपने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ देख सकते हैं.

A सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट सिर्फ उन फिल्मों को दिया जाता है, जिसे एडल्ट यानि 18+ लोगों के लिए होती है. आमतौर पर बोल्ड सीन्स वाली फिल्मों को यह सर्टिफिकेट दिया जाता है.

S सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट स्पेशल ऑडियंस के लिए दिया जाता है. जैसे- अगर फिल्म को सिर्फ डॉक्टर्स या सेना के जवानों को दिखाना है तो उस फिल्म को यह सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

तो ध्यान रखें कि अगर अगली बार आप फिल्म देखने जाएं तो जरूर गौर करें कि मूवी किस वर्ग के लिए है और उसे सेंसर बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन किस तारीख को प्राप्त हुआ है, साथ ही फिल्म को किस श्रेणी में रखा गया है.