2020 Delhi riots: दिल्ली दंगा मामले में आरोपी पिता-पुत्र आरोपों से बरी, अभियोजन पक्ष के गवाह नही कर पाए दंगाई होने की पहचान
नई दिल्ली:वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान आगजनी और दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के आरोपी एक पिता और उसके पुत्र को अदालत ने दंगो के आरोपो से बरी कर दिया है.
सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने आरोपी मिठन सिंह और उनके बेटे जॉनी कुमार यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
अदालत दोनो आरोपियों खिलाफ तीन शिकायतों के आधार पर दंगों में शामिल होने की मामले पर सुनवाई कर रही थी.Delhi Police,ने पिता पुत्र को दंगे में शामिल बताते हुए खजूरी खास पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था. इस मामले में पुलिस ने जांच के बादद दंगा सहित आईपीसी की कई धाराओं में चार्जशीट पेश की थी.
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Delhi Police, और अभियोजन पक्ष के अनुसार दोनों आरोपी 25 फरवरी को खजूरी खास की गली नंबर-29 में एक विशेष समुदाय के लोगों की संपत्तियों की पहचान करने के बाद शिकायतकर्ताओं सहित अन्य के घरों में आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा थे.
वही बचाव पक्ष में आरोपी पिता पुत्र की ओर से कहा गया कि इस मामले में उन्हे गलत तरीके से शामिल किया गया है और वे अपने पुत्र को इस हिंसा से बचाकर घर ले जाना चाहते थे और वे इस मामले में निर्दोष है.
दोनो पक्षो की दी गई दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों आरोपियों को इस मामले में उन पर लगे सभी आरोपों से बरी किया जाता है.
अदालत ने अपने फैसले में अभियोजन पक्ष के गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि वे दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के रूप में दोनों आरोपियों की पहचान नहीं कर सके.