ज्यादा होमवर्क और क्लास में छात्रों को प्रताड़ित करना POCSO Act के तहत अपराध? शिक्षक के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
नई दिल्ली: बच्चे देश का भविष्य है और उनकी पढ़ाई, उनकी शिक्षा बेहद जरूरी है। 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 (The Constitution (Eighty Sixth Amendment) Act, 2002) ने संविधान में अनुच्छेद 21A (Article 21A of The Constitution of India) को शामिल किया था। इस अधिनियम 'शिक्षा का अधिकार' (Right to Education) के तहत छह से चौदह साल के बीच की उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मिलना उनका मौलिक अधिकार है।
बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले इसके लिए अध्यापकों को भी बहुत मेहनत करनी होती है, पढ़ाते समय थोड़ा कड़ा भी होना पड़ता है। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो इसके लिए कई विद्यालयों में बच्चों को होमवर्क से 'लाद' दिया जाता है; ज्यादा होमवर्क तो दिया ही जाता है, अच्छी परफॉर्मेंस के तनाव में क्लासरूम में भी कई बार बच्चों को अध्यापक-अध्यापिकाओं से प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
POCSO Act क्या है, इसे क्यों लागू किया गया
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क्या है POCSO ACT के तहत मामलों को दर्ज करने की प्रक्रिया?
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तो क्या ज्यादा होमवर्क देना और स्कूल के समय में, क्लास में बच्चों को रिजल्ट और मार्कस के लिए प्रताड़ित करना सही है? क्या अध्यापक-अध्यापिकाओं के खिलाफ इस तरह की स्थिति में केस दर्ज हो सकता है? यह बातें क्या पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत आती हैं?
अध्यापक के खिलाफ POCSO Act के तहत दर्ज हुआ मामला
समाचार एजेंसी आईएएनएस (IANS) के अनुसार कर्नाटक राज्य के जिले में छात्रों पर होमवर्क का बोझ डालने और कक्षा में उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप में एक शिक्षक के खिलाफ पॉक्सो का मामला दर्ज किया गया है और यह जानकारी पुलिस ने गुरुवार को दी है।
चिक्कनायकनहल्ली पुलिस (Chikkanayakana Halli Police) के अनुसार, एच.एस. गोडेकेरे सरकारी स्कूल से जुड़े गणित के शिक्षक छात्रों को भारी होमवर्क देते थे। यदि वे काम पूरा करने में असफल रहे, तो वह उन्हें कक्षा में प्रताड़ित करते। सज़ा और यातना सहने में असमर्थ छात्रों ने शिक्षक के बारे में अपने माता-पिता से शिकायत की। उन्होंने उसके दंड और दुर्व्यवहार के डर से स्कूल जाने से भी इनकार कर दिया।
इसके बाद माता-पिता ने चिक्कनायकनहल्ली पुलिस से संपर्क किया, जिसने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया। मामले की जांच चल रही है।
क्या है पॉक्सो अधिनियम?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012' (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) छोटे बच्चों को शारीरिक शोषण, लैंगिक अपराध या किसी अन्य तरीके की प्रताड़ना से बचाता है। इस तरह के मामलों की जांच के लिए विशेष न्यायालयों को बनाया गया है और इस अधिनियम के तहत नौ अध्याय और 46 धाराएं हैं।
इस अधिनियम के तहत बाल शोषण, बच्चों के खिलाफ यौन अपराध, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और बच्चे के प्रति अपराध करने हेतु उकसाना या प्रयास करना शामिल है। बता दें कि इस अधिनियम के सभी प्रावधान जेंडर नूट्रल हैं, इनके तहत पीड़िता की पहचान को छुपाकर रखा जाता है और मामले में की जाने वाली जांच और परीक्षण ऐसे होता है जो बच्चों को परेशान न करे यानी चाइल्ड फ्रेंडली होता है।