EVM-VVPAT: 'माइक्रोकंट्रोलर कहां इंस्टॉल होता है?', वोट वेरिफिकेशन मामले में SC ने चुनाव आयोग से पूछे कई सवाल
EVM-VVPAT: बुधवार (24 अप्रैल, 2204) के दिन यानि आज सुप्रीम कोर्ट लोकसभा चुनावों में ईवीएम-वीवीपैट क्रॉस वेरिफिकेशन कराने को लेकर सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से ईवीएम और वीवीपैट के क्रॉस वेरिफिकेशन मैकेनिज्म को लेकर जवाब तलब की है. अदालत ने आयोग से चार बिंदुओं पर सवाल पूछा है कि वीवीपैट काम कैसे करता है? ईवीएम और वीवीपैट, किसमें कंट्रोलिंग यूनिट होती है? बता दें कि सुप्रीम कोर्ट एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) सहित कई याचिकाओं को संबद्ध कर सुनवाई कर रहा है. इन याचिकाओं में लोकसभा चुनाव के शत प्रतिशत सीटों पर ईवीएम में मतदान और वीवीपैट की पर्चियों से मिलान कराने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा स्पष्टीकरण
सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. बेंच ने चुनाव आयोग से ईवीएम-वीवीपैट कार्य प्रणाली को लेकर जवाब की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने निम्नलिखित पांच बिंदुओं पर जवाब मांगा हैं,
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- कंट्रोल यूनिट या वीवीपैट, माइक्रोकंट्रोलर किसमें इंस्टॉल होता है?
- माइक्रोकंट्रोलर एक बार इंस्टाल होने के बाद कितनी बार प्रोग्रामेबल है?
- कितनी सिंबल लोडिंग इकाईयां उपलब्ध है?
- चुनाव याचिका की अवधि, आपके अनुसार 30 दिन है. वहीं स्टोरेज और रिकार्ड रखने की अवधि 45 दिन है, आप इसे जन प्रतिनिधि अधनियम के अनुसार, याचिका की अवधि 45 करना होगा. इस विषय पर आप अपना मत रखें.
- मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट को सील किया जाता है?
अदालत ने उपरोक्त बिंदुओं पर जवाब की मांग की है.
संदेह जताने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ADR की ओर से पेश हुए सीनियर वकील प्रशांत भूषण को टोकते हुए कहा था कि हर चीज को संदेह के नजरिए से देखना उचित नहीं है. वहीं, चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे. अदालत ने सुनवाई को जारी रखते हुए कहा कि ईवीएम-वीवीपैट से जुड़े हर विषय पर चर्चा की जानी चाहिए, ताकि किसी प्रकार से शक की गुंजाइश पैदा न हो सके.
EVM-VVPAT मैकेनिज्म
पिछली सुनवाई के दौरान, चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि ईवीएम सिस्टम में बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट जैसे तीन पार्ट होते हैं.
वहीं, ADR ने वीवीपैट में लगे ट्रांसपेरेंट ग्लास को अपारदर्शी बनाने के चुनाव आयोग के फैसले में बदलाव की मांग की है. ADR ने इस ग्लास को दोबारा से ट्रांसपेरेंट बनाने की मांग की है. बता दें कि वीवीपैट में 7 सेकेंड के लिए लाइट जलती है जिसमें मतदाता अपने वोटिंग को देख सकते हैं.