ED Summon Case: व्यक्तिगत रूप से पेश होने के फैसले को अरविंद केजरीवाल ने दी चुनौती, कहा- यह केवल दिखावे के लिए
Money Laundering Case: शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के फैसले को चुनौती दी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह सब दिखावे (पब्लिसिटी) के लिए किया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उक्त बातें मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका में कहीं. बता दें कि आप नेता लगातार ईडी के समन से बच रहे हैं, साथ ही जांच एजेंसी पर आरोप लगा रहे हैं कि ईडी उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार करना चाह रही हैं.
ED ने आठवीं बार समन भेजा
ईडी ने अब तक आठ बार समन भेजा है. अरविंद केजरीवाल ने हर बार अनदेखी की. ईडी ने समन की बार-बार अनदेखी करने की भी शिकायत दर्ज की. इस मामले में सुनवाई हुई. अरविंद केजरीवाल 17 फरवरी, 2024 के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के सामने मौजूद हुए. कोर्ट को बताया कि अगली सुनवाई में (16 मार्च के दिन) वे अदालत में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहेंगे.
16 मार्च से दो दिन पहले, यानि 14 मार्च के दिन उन्होंने सेशन कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और समन को रद्द करने की मांग की है. मांग में कहा कि ऐसा केवल पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है. सेशन कोर्ट में उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती दिया है, जिसमें उन्हें अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा गया है.
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सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई
सेशन कोर्ट में स्पेशल जज राकेश स्याल ने याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता अरविंद केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट रमेश गुप्ता पेश हुए. वहीं, एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने जांच एजेंसी (ईडी) का पक्ष रखा.
सीनियर एडवोकेट ने पक्ष रखा,
“मैं तो यही कह रहा हूं कि मुझे पेशी से छूट दीजिए. यह एक समन ट्रायल है जिसमें अधिकतम सजा एक महीने या जुर्माना या दोनों है.”
सीनियर एडवोकेट ने बताया. ऑफिसर ने व्यक्तिगत स्तर पर मामला दर्ज कराया है, ना कि संस्था (ईडी) ने. ईडी के जो अधिकारी पूछताछ करने आए थे, और जिन्होंने रपट दर्ज कराया है, दोंनो भिन्न है.
एडवोकेट ने कहा,
" इस परिस्थिति में केवल दो व्यक्ति ही शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जांच अधिकारी या उनके सीनियर अफसर. मामले में नियमों के पालन में भिन्नता है. इसलिए इस शिकायत पर रोक लगाई जा सकती है."
एएसजी ने दलीलों से जताया आपत्ति
एएसजी ने इन दलीलों के प्रति आपत्ति जाहिर करते हुए कहा. 17 फरवरी के आदेश को देखिए, अरविंद केजरीवाल वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेश हुए. उस दिन 16 मार्च की सुनवाई में भौतिक रूप से मौजूद रहने का दावा किया. अब इसमें भी राहत की मांग कर रहें है. यह आचरण योग्य नहीं है.
वहीं, सेक्शन 195 पर उठाए प्रश्न पर एसवी राजू ने कहा. सेक्शन 195 में संबंधित पब्लिक सर्वेंट का जिक्र है. एक ही अधिकारी के द्वारा कार्य करने की बात नहीं है. साथ ही जिन्होंने समन किया और जिन्होंने मुकदमा दर्ज कराया है, वे दोनो ही मामले में जांच अधिकारी है.
अंतत: रमेश गुप्ता ने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल की व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने पर रोक लगाने की मांग को छोड़ देंगे. इसकी जगह अपनी मांग को कार्यवाही पर रोक लगाने तक सीमित रखेंगे.
क्या है मामला?
दिल्ली शराब नीति (Delhi Excise Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. इस केस में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही जेल में बंद हैं.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराया. कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने 17 अगस्त, 2017 के दिन केस दर्ज किया. और ईडी ने 22 अगस्त के दिन इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.