झारखंड CM हेमंत सोरेन की जमानत रद्द करने की मांग, याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची ED
ED Challenges Hemant Soren's Bail In Supreme Court: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिली है. ED ने इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
ED ने सोरेन की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. झारखंड हाईकोर्ट ने 28 जून को कुछ शर्तों के साथ सोरेन को नियमित जमानत दी थी. ईडी का यह कदम एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि सोरेन ने जेल से रिहा होने के ठीक एक हफ्ते बाद 4 जुलाई को तीसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली थी. उनकी सरकार ने सोमवार को ही विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया है.
हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत
झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय (Justice Rongon Mukhopadhyay) ने की एकल बेंच ने हेमंत सोरेन को जमानत दी है.
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जस्टिस मुखोपाध्याय ने पहले हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से मना किया था. हेमंत सोरेन अंतरिम जमानत की मांग अपने चाचा के अंतिम क्रिया में शामिल होने के लिए मांगी थी. अदालत ने पाया कि इस मांग को स्वीकार करने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं बताई गई थी. हालांकि, अब जज ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है.
पहले संबंधित High Court में जाए हेमंत सोरेन
जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप झेल हेमंत सोरेन ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग की थी. हेमंत सोरेन की रिट याचिका पर त्वरित सुनवाई के लिए 4 जजों की बेंच गठित की गई जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी शामिल थे. मामले की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस मामले को पहले हाईकोर्ट के समक्ष पेश करें. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में आगे सुनवाई करने से मना कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
ED ने हेमंत सोरेन के खिलाफ FIR दर्ज किया. ED ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से रांची में 8.5 एकड़ की जमीन हासिल की. ED ने जांच के दौरान पाया कि इन जमीनों के कागजात नकली है. उन्होंने इस संपत्ति को एक बड़े सिंडिकेट के साथ मिलकर बनाया है जिसमें लैंड माफिया और नौकरशाही के कई अफसर भी शामिल है.