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Excise Policy Case: Manish Sisodia को बड़ा झटका, 17 मार्च तक भेजा ईडी के रिमांड पर

सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी और कोर्ट के ऊपर बहुत दबाव है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : March 10, 2023 11:22 AM IST

नई दिल्ली: आबकारी नीति मामले में गिरफतार किए गए दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेंन्यू कोर्ट ने सात दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है.

दोपहर बाद दोनो पक्षो की सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे न्यायालय समय समाप्त कुछ ही समय पहले सुनाते हुए अदालत ने कहा कि वो ईडी का रिमांड आवेदन स्वीकार कर रही है और सिसोदिया को 17 मार्च तक के लिए​ रिमांड पर भेज रही है.

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गौरतलब है सिसोदिया की ओर से जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी और कोर्ट के ऊपर बहुत दबाव है.

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क्या कहा सिसोदिया के वकील ने

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई द्वारा गिरफतारी के मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिस पर आज सीबीआई को जवाब दिया जाना था. दोपहर बाद सीबीआई के स्पेशल जज एम. के. नागपाल की अदालत में मामले पर सुनवाई शुरू हुई.

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सुनवाई के दौरान ईडी की और रिमांड आवेदन पेश किया गया, जिस पर मनीष सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने आवेदन विरोध करते हुए कहा कि अदालत को गिरफ्तारी के समय की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और उसे गिरफ्तारी को दुर्भावनापूर्ण व एक व्यक्ति को निरंतर हिरासत में रखने की मंशा के नजरिए से देखना होगा.

अधिवक्ता ने ईडी के रिमांड आवेदन को कानूनन गलत बताते हुए कहा कि बुचिबाबू के जिस बयान का ज़िक्र ED का रही है उस समय बुचिबाबू CBI की हिरासत में था. कोर्ट को ऐसे आवेदन पर जांच एजेंसी को फटकार लगानी चाहिए

सिसोदिया के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला, PMLA बेहद सख्त कानून है, यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी, धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी कर रही है. कुछ लोगों से कहीं मुलाकात हो जाना अपराध साबित नहीं करता. और जिन लोगों के बयानों का हवाला ईडी ने दिया वह मिलते जुलते रहते है.

पॉलिसी को लेकर मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है. चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए, LG के पास जाती है. एलजी ने पॉलिसी को देखा. एलजी ने जो शिकायत की है वो टेंडर के बाद की है पहले की नहीं है.

ईडी का आवेदन

रिमांड आवेदन के लिए ईडी की ओर से अदालत में कहा गया कि मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे.

ईडी की ओर से कहा गया कि मनीष सिसोदिया की रिमांड हिरासत के दौरान हम मामले में धन के लेन-देन की जांच करेंगे. उनके बयान अन्य लोगों के बयानों से मेल नहीं खाते हैं.’ ईडी ने पूछताछ के लिए 1. दिन की हिरासत मांगीी जिससे उसके तौर-तरीकों की पहचान की जा सके और समन किए गए अन्य लोगों से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा सके.

ईडी के अनुसार प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने के मामले में मनीष सिसोदिया का बयान दूसरों से अलग है. और इस पूरे षडयंत्र को विजय नायर द्वारा संचालन किया जा रहा था. ईडी ने कोर्ट में बताया कि दक्षिण ग्रुप की तरफ से एडवांस में 100 करोड़ दिए गए.

ईडी की ओर से कहा गया कि शराब की बिक्री के लिए जो तय व्यवस्था थी, उसका भी उल्लंघन हुआ. ईडी ने कहा कि कुछ लोगों को फायदा देने के लिए ये सब किया गया. GOM ने कई बार अलग-अलग तरह के आंकड़ों की मांग की थी, लेकिन जब बैठकें हुईं, तो उनपर चर्चा नहीं की गई थी.

जमानत पर सुनवाई 21 को

मनीष सिसोदिया की ओर से दायर जमानत अर्जी के साथ ईडी के रिमांड आवेदन पर भी दोनो पक्षो की बहस पूर्ण होने के बाद अदालत ने 21 मार्च तक सनुवाई टाल दी है. वही ईडी की ओर से दायर रिमांड आवेदन पर भी दोनो पक्षो की बहस पूर्ण होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था.