'कानूनी प्रशासन' में सहयोग को लेकर भारत और ब्राजील के बीच चर्चा, जानें इसके मायने क्या होंगे
मेघवाल और ब्राजील के शीर्ष न्यायालय के अध्यक्ष ने आपस में कानूनी प्रशासन में संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की है. चर्चा के दौरान भारत की ओर से केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, तो वहीं ब्राजील की ओर से वहां के शीर्ष न्यायालय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लुईज रॉबर्टो बरोसो मौजूद रहे. दोनों देशों ने आपस में कानूनी प्रशासन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है.
भारत के कानूनी व्यवस्था की तारीफ
भारत के साथ बैठक में ब्राजील की ओर से न्यायमूर्ति बरोसो के साथ महासचिव एलाइन ओसोरियो भी मौजूद थे और दोनों पक्षों ने दोनों देशों के कानूनी ढांचे पर भी चर्चा की. कानून मंत्रालय ने एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वार्ता का लक्ष्य कानूनी प्रशासन में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित था. इस दौरान विधि सचिव राजीव मणि और न्याय विभाग के सचिव आर के गोयल भी मौजूद थे. मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने और कानूनी सुधारों को आगे बढ़ाने में भारत के प्रगतिशील प्रयासों की सराहना की.
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जब भारत के सुप्रीम कोर्ट में बैठे ब्राजील के अगले CJI
पिछले कुछ दिन पहले, जुलाई के महीने में ब्राजील के जज बेंजामिनिस भारत आए थे. वे ब्राजील के अगले सीजेआई होंगे. भारत के वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने तो उन्हें भारत का दोस्त बताया था. साथ ही उनके पर्यारवण कानून में कार्यों की सराहना भी की थी. ब्राजील के जज बेंजामिनिस सुप्रीम कोर्ट में हो रही एक सुनवाई में शामिल भी हुए थे. और तीसरे महीने बाद भारत और ब्राजील के बीच कानूनी प्रशासन को बढ़ाने की चर्चा है.
कानूनी प्रशासन में सहयोग बढ़ाने के मायने
ब्राजील औऱ भारत के बीच कानूनी प्रशासन को बढ़ाने का अर्थ दोनों देशों के कानूनी इंफ्रास्ट्रकचर को मजबूत बनाने का मौका मिलेगा. सबसे बड़ा फायदा होने के आसार है कि इंटरनेट के जरिए होनेवाले अपराध को रोकथाम को लेकर दोनों देश तटस्थ है. भारत में आजकल डिजिटल अरेस्ट, साइबर फ्रॉड को रोकने के साथ पर्यावरण संबंधी कानूनों को मजबूत बनाने की जरूरत है, ऐसे में ब्राजील की न्यायिक व्यवस्था-नियम भारत के लिहाज से फायदेमंद हो सकते हैं.