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सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के digital version की लॉन्चिंग आज

इस प्रोजेक्ट के जरिए 1950 में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना से लेकर अब तक के सभी फैसलों की पूर्ण जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध हो सकेगी.electronic Supreme Court Reports (e-SCR) project सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध रहेगा.

Written By Nizam Kantaliya | Published : January 1, 2023 5:12 PM IST

नई दिल्ली: देश की न्यायपालिका में सोमवार 2 जनवरी का दिन एक नया अध्याय लिखने जा रहा है. नए साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट के पहले कार्यदिवस पर आज सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के digital version प्रोजेक्ट को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

सीजेआई की पहल

देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़ लगातार न्यायपालिका में डिजिटलीकरण को लेकर अग्रसर रहे है. न्यायपालिका को पूर्णतया डिजिटाइज्ड करने के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ आज सुप्रीम कोर्ट के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स e-SCR  परियोजना का शुभारंभ करेंगे.

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इस प्रोजेक्ट के जरिए 1950 में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना से लेकर अब तक के सभी फैसलों की पूर्ण जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध हो सकेगी.

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electronic Supreme Court Reports यानी e-SCR project देश की सर्वोच्च अदालत के फैसलो के डिजिटल संस्करण को रूप में पेश करेगा, जैसा कि वर्तमान में अधिकारिक रूप से पेश किया जा रहा है.

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सभी जगह उपलब्ध

सुप्रीम कोर्ट के इस प्रोजेक्ट के लिए National Informatics Centre (NIC) Pune की मदद से एक search engine भी तैयार कर रहा है जिसके जरिए आसानी से डाटा सर्च किया जा सकेगा.

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार electronic Supreme Court Reports (e-SCR) project सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध रहेगा.

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन, साथ ही राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के जजमेंट पोर्टल पर भी यह प्रोजेक्ट कार्य करेगा.

सभी पक्षकारों का हित

सीजेआई की इस पहल को भारत की न्यायपालिका के डिजिटाइजेशन को लेकर उठाया जाने वाला कदम बताया जा रहा है. इसके जरिए न्याय प्राप्त करने से जुड़े सभी पक्षों में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कदम होगा.

यह प्रोजेक्ट ना केवल अधिवक्ताओं के लिए बल्कि पक्षकारों, हाईकोर्ट प्रशासन, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और न्यायिक अकादमियों के लिए भी बेहद लाभदायी होगा.

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लाभ उन अधिवक्ताओं और जजो को भी होगा, जिन्हे प्रतिवर्ष अपनी लाइब्रेरी में volumes of journals रखने की जरूरत होती है. इसके साथ ही उन लोगों के लिए भी बेहद आसानी होगी जिन्हे visual disabilities के चलते फैसले तक पहुंच नहीं होती.