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Dhanbad Judge Murder Case: उत्तम आनंद की हत्या के मामले में Interpol और FBI से किया गया संपर्क

Dhanbad Judge Murder Case Update

2021 में झारखंड के जस्टिस उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर केस में अब झारखंड उच्च न्यायालय में एक नया अपडेट सामने आया है. अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है...

Written By Ananya Srivastava | Published : July 12, 2023 10:43 AM IST

रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद (Uttam Anand) की हत्या के मामले में लार्जर कांस्पिरेसी की जांच के लिए इंटरपोल (Interpol) और अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) से संपर्क किया गया है।

इस हत्याकांड के दो आरोपियों को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट पिछले साल अगस्त में ही उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। लेकिन, इसमें लार्जर कांस्पिरेसी की जांच अब भी जारी है।

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CBI ने दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

सीबीआई (CBI) ने मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली बेंच में इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि अभियुक्तों की व्हाट्सएप चैट की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिकी जांच एजेंसी से आग्रह किया था। लेकिन, अब तक रिपोर्ट हासिल नहीं हो सकी है।

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व्हाट्सएप के यूएस स्थित हेडक्वार्टर को भी इसके लिए लिखा गया है। सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि यह गंभीर मामला है। इसमें आगे कई बिंदुओं पर इन्वेस्टिगेशन की आवश्यकता है।

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धनबाद के जज की मॉर्निंग वॉक पर हुई थी हत्या

बता दें कि 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक पर निकले जज उत्तम आनंद की धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास ऑटो से टक्कर मारकर जान ले ली गई थी। घटना के सीसीटीवी फुटेज से साफ हो गया था कि उन्हें इंटेंशनली टक्कर मारी गई थी ताकि उनकी मौत हो जाए।

उन्हें धक्का मारने वाले ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। सीबीआई ने उन दोनों से कई राउंड की लंबी पूछताछ की थी। दोनों का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी कराई गई थी।

इसके बाद भी इस हत्याकांड के पीछे की साजिश का खुलासा नहीं हो पाया। सीबीआई ने इस मामले में 20 अक्तूबर 2021 को लखन और राहुल के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि दोनों ने जज को जान लेने के इरादे से टक्कर मारी थी।

मामले के ट्रायल के दौरान सीबीआई की ओर से कुल 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था। इसके आधार पर बीते साल 6 अगस्त को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।