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जगन्नाथ रथ यात्रा की अनुमति न देना पुलिस की तरफ से धार्मिक अभ्यास में बाधा: Calcutta HC

Calcutta HC Criticizes Police for Restricting Rath Yatra

कोलकाता में रथ यात्रा को पुलिस ने प्रतिबंधित किया जिसपर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस की आलोचना करते हुए इसे 'निहायती अनुचित' बताया है...

Written By My Lord Team | Published : June 20, 2023 4:12 PM IST

नई दिल्ली: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने कोलकाता की पुलिस की आलोचना करते हुए टिप्पणी की है कि उनका हावड़ा के संक्रैल (Sankrail, Howrah) में जगन्नाथ रथ यात्रा को रोकना गलत था और यह पुलिस की ओर से 'धार्मिक अभ्यास में बाधा' (Interference with Religious Practice) है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के ऑर्डर के अनुसार, याचिकाकर्ताओं ने संक्रैल पुलिस स्टेशन में बात की थी कि वो वो भगवान जगन्नाथ के रथ को डेल्टा जूट मिल के गेट के पास स्थित जगन्नाथ मंदिर से बेलताला मोरे (Beltala More) तक लेकर जाना चाहते हैं। याचिककर्ताओं को मौखिक रूप से बताया गया कि रथ यात्रा की अनुमति पुलिस नहीं दे सकती है।

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याचिककर्ताओं ने फिर एक अर्जी दायर की जिसमें उन्होंने आदेश में कुछ बदलाव की मांग की. याचिकाकर्ता चाहते थे कि वो भगवान को हाथ में पकड़कर खुद डेल्टा जूट मिल के गेट के पास स्थित जगन्नाथ मंदिर से बेलताला मोरे (Beltala More) तक ले जा सकें और उसके बाद उन्हें रथ में बैठाकर आगे लेकर जाया जाए।

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अदालत ने की पुलिस की आलोचना

अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनकर यह कहा है कि याचिकाकर्ता का भगवान को खुद मंदिर से बेलताला मोरे (Beltala More) तक लेकर जाना रथ यात्रा के उद्देश्य को नकार देगा, बेकार कर देगा और यह एक समझौता होगा।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जगन्नाथ रथ यात्रा कई हजार सालों से भारत में हो रही है और पुलिस का इस रथ यात्रा को रोकना और यह आदेश देना कि भगवान को 300 मीटर तक की दूरी बिना रथ के तय करनी पड़े, गलत है। पुलिस का रथ यात्रा को रोकना 'निहायती अनुचित' (Grossly inappropriate) है।

साथ ही, अदालत का ऐसा मानना है कि सालों से लोगों ने रथ यात्रा में अच्छी-खासी भागीदारी निभाई है और पुलिस का इस यात्रा पर प्रतिबंध लगाना और शर्तें रखना धार्मिक अभ्यास में बाधा (Interference with religious practice) डालना होगा; ऐसा अब तक किसी भी राज्य में या देश के हिस्से में नहीं हुआ है।