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National Lok Adalat: दिल्ली की पहल-9 ट्रांसजेंडर, 1 सेक्स वर्कर और 15 एसिड पीड़ितों ने Judges के साथ की मामलों की सुनवाई

राजधानी दिल्ली में भी दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिल्ली की करीब 351 अदालतों में लोक अदालत का आयोजन करते हुए 1 लाख 66 हजार से अधिक मामलो का निस्तारण किया.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 14, 2023 7:34 AM IST

नई दिल्ली: न्यायपालिका के ऐतिहासिक फैसलो के चलते देश में ट्रांसजेंडर से लेकर सेक्स वर्क को लेकर सामाजिक सोच में बड़ा बदलाव आया है, अब इस बदलाव को एक कदम आगे बढाते हुए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अनुकरणीय पहल की है.

13 मई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में देशभर की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.

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राजधानी दिल्ली में भी दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिल्ली की करीब 351 अदालतों में लोक अदालत का आयोजन करते हुए 1 लाख 66 हजार से अधिक मामलो का निस्तारण किया.

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दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने जहां इस राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित मुकदमों की संख्या में बेहतर प्रदर्शन किया है. वही समाज के पीड़ित और उपेक्षित वर्ग को सामाजिक तौर मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है.

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इस राष्ट्रीय लोक अदालत में दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक बड़ी पहल करते हुए मुकदमों की सुनवाई करने वाली अदालतों में समाज के पीड़ित और उपेक्षित वर्ग से जुड़े लोगो को निर्णय लेने वाली पीठों में शामिल किया है.

दिल्ली प्राधिकरण देश का पहला ऐसा प्राधिकरण बन गया है जिसने राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठों में ट्रांसजेडर, सेक्स वर्कर से लेकर एसिड पीड़िताओं को सदस्यों के रूप में नियुक्त किया है.

शनिवार को आयोजित हुई इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्राधिकरण के अधिन आने वाले जिलों की लोक अदालतों में इन ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर और एसिड पीड़ित सदस्यों ने जजों के साथ बैठकर मामलो की ना केवल सुनवाई की है, ​बल्कि आपसी समझाईश के जरिए सैकड़ो मुकदमों का निस्तारण भी किया है

9 ट्रांसजेडर के साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में एसिड अटैक की 15 पीड़ितों ने भी अदालतों में सुनवाई की है.

नई दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले की एक अदालत में सेक्स वर्कर सदस्य ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत गठित पीठ में जज के साथ बैठकर मुकदमों की सुनवाई की.

यह पहल दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की प्रेरणा से की गयी है.

दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव और जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार गुप्ता ने इस पहल को लेकर कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल के प्रोत्साहन के बगैर यह संभव नही होता.

सदस्य सचिव गुप्ता ने कहा कि नालसा के नेतृत्व में आज देशभर कमजोर और जरूरतमंदो को कानूनी सेवा और कानूनी सहायता के जरिए संबल दिया जा रहा है, लेकिन यह कदम इन वर्गो के सदस्यों में एक मजबूत सोच और समाज में सम्मान के साथ जिने को प्रोत्साहित करेगा.