Delhi University: डूसू चुनाव में छात्राओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें हो आरक्षित, मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, कहा- VC तीन महीने के अंदर करें फैसला
Delhi University Student Union Elections: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग पर निर्णय लेने को कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी को फैसले में लैंगिक समानता भी सुनिश्चित करने को कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वीसी तीन महीने के भीतर कानून के अनुसार इस पर अपना फैसला सुनाए. बता दें कि याचिकाकर्ता ने दावा किया कि छात्र संघ चुनाव में छात्राओं की भागीदारी नगण्य हैं, ऐसे में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत सीटें रिजर्व करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से निर्देश देने की मांग की गई थी.
हाईकोर्ट का आदेश- तीन महीने के भीतर VC लें फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कुलपति को कानून के मुताबिक तीन महीने के भीतर फैसला लेने को कहा है.
छात्राओं के लिए चुनाव में हो 50% सीटें आरक्षित
अदालत ने डूसू चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग वाली याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किया. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि छात्र संघ चुनाव धन और बाहुबल से काफी प्रभावित होते हैं, जिसके चलते छात्र संघ चुनाव में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर होती है. अपनी चिंता को लेकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. याचिका में कहा गया है कि संसद द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत राज्य विधानसभा और संसद चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण पारित किए जाने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने छात्र चुनावों में छात्राओं के लिए समान प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित करना समय की मांग है. याचिका में छात्र प्रशासन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त महिला आरक्षण लागू करने की मांग की गई है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर को शुरू होने वाली है और चुनाव 27 सितंबर को होगी.
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कानून के अनुसार लैंगिक समानता सुनिश्चित करें V
याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्र चुनावों में लैंगिक समानता की जरूरत है और उन्होंने विश्वविद्यालय को लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन करने का निर्देश देने की भी मांग की. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारत भर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में आयोजित छात्र निकायों और छात्र संघ चुनावों से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह के नेतृत्व में एक समिति गठित की. समिति ने 26 मई, 2006 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की.