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Delhi Services Ordinance: केंद्र के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को SC ने संविधान पीठ को भेजा

Delhi Services Ordinance Delhi Govt Plea Transferred to Constitution Bench by SC

दिल्ली सेवा अध्यादेश के मामले में केंद्र के खिलाफ दायर दिल्ली सरकार की याचिका को उच्चतम न्यायालय ने संविधान पीठ को भेजने का फैसला किया है। सुनवाई में क्या हुआ और इस मामले में क्या निर्देश दिया गया है, जानिए...

Written By Ananya Srivastava | Updated : July 20, 2023 4:46 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने सेवा मामले पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद इस मामले को संविधान पीठ (Constitution Bench) के पास भेजने का निर्णय किया है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेजने का अपना आदेश आज बाद में अपलोड करेगा।

बता दें कि यह याचिका हाल ही में प्रख्यापित दिल्ली सेवा अध्यादेश (Delhi Services Ordinance) की कानूनी वैधता को चुनौती देती है। दरअसल इस अध्यादेश के माध्यम से दिल्ली के सिविल सर्वेंट्स पर केंद्र सरकार द्वारा नामित उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) का कंट्रोल होगा।

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अध्यादेश पर SC ने कही ये बात

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud), न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) और न्यायाधीश मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने इस मामले से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, दिल्ली सेवा अध्यादेश वाले मामले को संविधान पीठ को भेजने की बात कही।

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इन दो याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था सुप्रीम कोर्ट

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पहली याचिका जिसकी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था वो दिल्ली सरकार ने हाल ही में प्रख्यापित दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ दायर की थी; यह अध्यादेश दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिनियुक्त अधिकारियों की सेवाओं, स्थानांतरण, पोस्टिंग और सतर्कता जांच पर नियंत्रण देता है।

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश उनसे नियंत्रण का अधिकार लेकर उपराज्यपाल को सौंपती है, जिन्हें निर्वाचित नहीं किया गया है, केंद्र द्वारा नामित किया गया है।

दसरी याचिका उपराज्यपाल की उन शक्तियों और अधिकारों को चुनौती देती है जो उन्हें दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (Delhi Electricity Regulatory Commission) के अध्यक्ष को चुनने की स्वतंत्रता देते हैं।

DERC को लेकर अगली सुनवाई 4 अगस्त को 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जहां दिल्ली सेवा अध्यादेश वाला मामला सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेजने का फैसला किया है, वहीं डीईआरसी (DERC) मामले की सुनवाई की अगली तारीख शीर्ष अदालत ने 4 अगस्त, 2023 तय की है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल ने न्यायालय को बताया कि वे डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति पर आम सहमति बनाने में विफल रहे।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल से कहा कि क्या आप दोनों डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए किसी न्यायाधीश को नहीं चुन सकते?

उपराज्यपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए नाम सुझा सकता है और हम उसकी नियुक्ति करेंगे।