Delhi Riots Case 2020: दिल्ली HC ने शरजील इमाम की त्वरित सुनवाई की मांगवाली याचिका की खारिज
Delhi Riots Case 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका पर त्वरित सुनवाई की मांगवाली याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली दंगा 2020 मामले में आरोपी शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की है, जो पिछले 28 महीने से लंबित है. वहीं 7 अक्टूबर को निर्धारित इस जमानत याचिका को शरजील ने त्वरित सुनवाई की मांग की है. बता दें कि शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. ट्रायल कोर्ट ने शरजील को जमानत देने से इंकार कर दिया है. शरजील ने NIA अधिनियम को आधार बनाते हुए कहा कि लागू कानून के अनुसार अपीलों का निपटारा 3 महीने के भीतर किया जाना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है. याचिका में इमाम ने अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिस पर 7 अक्टूबर को सुनवाई होनी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की याचिका खारिज कर दी है.
याचिका में कहा गया है कि वह 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में है. शरजील इमाम की ओर से वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने आपराधिक अपील की जल्द सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की, जिसमें कड़कड़डूमा कोर्ट द्वारा पारित 11.04.2022 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई. कड़कड़डूमा कोर्ट ने नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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याचिका में कहा गया है कि वर्तमान अपील को अंतिम बार 29.08.2024 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिस तारीख को उच्च न्यायालय ने मामले को स्थगित कर दिया था और इसे 07.10.2024 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. यह कहा गया है कि एनआईए अधिनियम (NIA Act) की धारा 21 के तहत प्रस्तुत अपीलों को यथासंभव अपील के प्रवेश की तारीख से 3 महीने के भीतर निपटाया जाएगा. यह भी कहा गया है कि वर्तमान अपील 29.04.2022 से उच्च न्यायालय के समक्ष निर्णय के लिए लंबित है. यह उल्लेख किया गया है कि नोटिस जारी होने के बाद से, वर्तमान अपील को 7 अलग-अलग खंडपीठों के समक्ष कम से कम 62 बार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. रोस्टर परिवर्तन, न्यायाधीशों के अलग होने और स्थानांतरण के कारण पीठों की संरचना में बार-बार बदलाव के कारण, मामले में सुनवाई कभी समाप्त नहीं हुई, जिससे हर बार सुनवाई का नए सिरे से शुरू हो गया.