लेखिका अरूंधति रॉय के खिलाफ चलेगा UAPA का मुकदमा, कश्मीर को लेकर भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
Author Arundhati Roy: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG VK Saxena) ने बुकर पुरस्कार विजेता व चर्चित लेखिका अरूंधति रॉय के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है. अरूंधति रॉय के खिलाफ दर्ज होनेवाला यह मामला साल 2010 से जुड़ा है, जब उन्होंने एक सभा में कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया था. विवादित बयान में लेखिका ने कहा था कि 'कश्मीर कभी भारत का हिस्सा नहीं था'. इस मामले में लेखिका अरूंधति रॉय के साथ कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भी UAPA का मुकदमा चलाने की इजाजत दी गई है.
हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में भी दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने अरूंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) के भिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.
सीआरपीसी की धारा 196, राज्य के खिलाफ अपराध और अपराधि साजिश से संबंधित है. इन मामलो में मुकदमा चलाने के लिए केन्द्र या राज्य की अनुमति लेनी आवश्यक है.
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2010 का ये मामला क्या है?
अरूंधति रॉय और कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ शिकायत कश्मीरी एक्टिविस्ट सुशील पंडित ने दर्ज करवाया था. सुशील ने 2010 में दिल्ली कोर्ट के समक्ष सीआरपीसी 156(3) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. कोर्ट ने शिकायत पर FIR रजिस्टर करने का निर्देश दिया.
सीआरपीसी 156(3) किसी मजिस्ट्रेट को यह शक्ति प्रदान करती है कि वे किसी शिकायत या आवेदन की जांच शुरू करने का आदेश दें.
शिकायत में अरूंधति के बयानों का जिक्र किया गया,जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर कभी भारत का हिस्सा नहीं रहा. उस पर भारत के सशस्त्र बलों ने जबरन कब्जा किया. जम्मू-कश्मीर की भारत से आजादी को लेकर हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए. शिकायतकर्ता ने लेखिका के भाषणों की रिकार्डिंग भी उपलब्ध कराई.