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शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाने वाले के खिलाफ रेप का चार्जेस लगाने का आदेश, Delhi HC ने और क्या-क्या कहा?

ट्रायल कोर्ट ने शख्स को आरोप मुक्त कर दिया था और कहा कि ये शादी करने के वादे के उल्लंघन का मामला है, न कि शादी करने का झूठा वादा. इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की.

Written By arun chaubey | Updated : January 17, 2024 10:50 AM IST

Physical Relation On False Promise Of Marriage: दिल्ली हाईकोर्ट ने शादी का झूठा वादा कर एक शादीशुदा महिला के साथ यौन संबंध बनाने वाले शख्स के खिलाफ रेप के चार्जेस लगाने का आदेश दिया है. दरअसल, आरोपी ने महिला से वादा किया था कि तलाक के बाद वो उससे शादी करेगा. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने कहा कि वर्तमान मामले में दो शादी के वादे जैसा लग रहा है क्योंकि आरोपी ने न केवल महिला को आश्वासन दिया था कि वो उससे शादी करेगा, बल्कि उसके तत्कालीन पत्नी को भी ऐसा ही आश्वासन दिया था और उसे अपने बच्चे के साथ रखने का भी वादा किया था.

दोनों अपनी-अपनी शादी से नाखुश थे

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केस के मुताबिक, महिला और आरोपी दोस्त थे. हालांकि, साल 2011 में उन्होंने अलग-अलग पार्टनर्स से शादी कर ली. महिला अपने पति के साथ भारत में रही, जबकि आरोपी अपनी पत्नी के साथ कनाडा में बस गया.

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2016 में, वे फिर से एक-दूसरे के संपर्क में आए और इस समय तक दोनों नाखुश विवाह में रह रहे थे.

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शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि शुरू से ही, जब वे फिर से एक-दूसरे के संपर्क में आए, तो आरोपी ने उससे शादी करने की इच्छा जताई और इस वजह से उसने उससे यौन संबंध बनाए.

ये भी आरोप लगाया कि आरोपी बाद में मुकर गया और केवल यौन संबंध के लिए अपनी प्राथमिकता व्यक्त की. 20 मई, 2021 को उसने महिला को फोन किया और कहा कि वो उससे शादी नहीं कर सकता.

इसके बाद महिला ने महिला ने शादी का झूठा वाद कर यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई. हालांकि ट्रायल कोर्ट ने शख्स को आरोप मुक्त कर दिया. और कहा कि ये शादी करने के वादे के उल्लंघन का मामला है, न कि शादी करने का झूठा वादा. इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की.

हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया?

हाईकोर्ट ने कहा,

"आरोपी ने पहले वादा किया था कि वो महिला से शादी करेगा और इस वादे पर अमल करते हुए महिला और उसके पति ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया."

अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, ऐसे वादे पर महिला आरोपी के साथ यौन संबंध में शामिल हुई.

कोर्ट ने कहा,

“ये शादी के दोहरे वादे का मामला है, यानी शिकायतकर्ता के साथ-साथ उसके पति और परिवार से भी. अगर उसने उससे वादा नहीं किया होता या उसका प्रतिनिधित्व नहीं किया होता, तो वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाती."

इसमें ये भी दर्ज किया गया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता महिला के नाम के पहले अक्षर वाले मंगलसूत्र के लिए भुगतान किया था. कोर्ट ने कहा, ये आरोपी व्यक्ति के इरादे और महिला से शादी करने के वादे को भी दर्शाता है.

कोर्ट ने कहा,

"कहने की जरूरत नहीं है, भारत में, कई महिलाओं के लिए मंगलसूत्र एक आभूषण नहीं है, बल्कि अपने साथी के साथ प्यार, पवित्र मिलन और जीवन भर साथ रहने के आश्वासन का प्रतीक है."

अदालत ने कहा- मुकदमे के दौरान यह साबित करना होगा कि क्या यह शादी करने के वादे का उल्लंघन था या यौन संबंध स्थापित करने के लिए शादी करने का झूठा वादा था.

इसलिए, अदालत ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.