Advertisement

मुगल मस्जिद नमाज मामले में ASI और केन्द्र को Delhi High Court का नोटिस

Justice Manoj Kumar Ohari की एकलपीठ ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 11, 2023 12:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली की मुगल मस्जिद में नमाज रोकने के एएसआई के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Justice Manoj Kumar Ohari की एकलपीठ ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

Advertisement

गौरतलब है कि बोर्ड ने मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने से रोकने के मामले में लंबित उसकी याचिका के जल्द निपटान के के लिए सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया था.

Also Read

More News

रमजान का महीना

Supreme Court ने इस मामले में Delhi High Court को इस मामले को शीघ्र निपटाने के निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद Delhi High Court ने सुनवाई की निर्धारित तिथि 21 अगस्त से पहले ही मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए है.

Advertisement

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एम. सूफियान सिद्दीकी ने कहा कि मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि रमजान का महीना चल रहा है जो जल्द ही ईद-उल-फितर पर समाप्त होगा और लोग मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने का इंतजार कर रहे हैं.

अधिवक्ता सिद्दीकी ने इस मामले को 27 अप्रैल को सूचीबद्ध करने का भी अनुरोध किया था.हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई अप्रैल की अंतिम सप्ताह में तय की है.

याचिका में कहा गया है कि एएसआई के अधिकारियों ने बिना कोई नोटिस या आदेश जारी किए 13 मई 2022 से मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी, जो "पूरी तरह से गैर-कानूनी, मनमाना और जल्दबाजी में" किया गया फैसला है.

कुतुब मीनार की सीमा के भीतर

याचिका में कहा गया है कि मस्जिद को संरक्षित स्मारक के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है या यह संरक्षित घोषित स्मारकों का हिस्सा भी नहीं है तथा पिछले साल 13 मई से पहले इसे नमाज के लिए कभी बंद नहीं किया गया था.

याचिका के जवाब में एएसआई ने कहा था कि मस्जिद कुतुब मीनार की सीमा के भीतर आती है और इसलिए वह संरक्षित क्षेत्र के भीतर है, जहां नमाज की अनुमति नहीं दी जा सकती.

इस पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने मस्जिद में नमाज रोकने के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की अर्जी पर समय से पहले सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा था कि वह लंबित मामले में सुनवाई करे और यथाशीघ्र इस पर निर्णय करे.