अशनीर ग्रोवर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया सम्मन
नई दिल्ली:भारतपे के संस्थापक और शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के सीजन 1 में जज के तौर पर चर्चा में आए प्रसिद्ध व्यवसायी अशनीर ग्रोवर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.
BharatPe के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया ने अपने पूर्व पार्टनर अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक वाद दायर किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोलाडिया की ओर से दायर वाद पर सुनवाई के दौरान अशनीर ग्रोवर को सम्मन जारी किया है.
मूल फाउंडर है भाविक
फिनटेक यूनीकॉर्न भारतपे (BharatPe) के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया ने ग्रोवर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. यह मुकदमा उन्होंने कंपनी के शेयरों पर अपना दावा फिर से प्राप्त करने के लिए किया है.
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गौरतलब है कि भाविक कोलाडिया भारतपे के मूल फाउंडर है. वर्ष 2017 में भाविक कोलाडिया ने शाश्वत नकरानी के साथ मिलकर भारतपे की स्थापना की थी. उसके बाद वर्ष 2018 में कंपनी में अशनीर ग्रोवर तीसरे फाउंडर के रूप में जुड़े थे. जिस समय ग्रोवर कंपनी से जुड़े उस समय भाविक के पास कंपनी के 42.5 फीसदी शेयर थी. फाउंडर के रूप में अशनीर ग्रोवर को कंपनी के 32 फीसदी शेयर मिले थे. वहीं 25 फीसदी शेयर शाश्वक के पास थे.
बाद में भाविक के जेल जाने के बाद भारतपे के मुख्य निवेशक से उनका नाम हटा दिया गया था. कहा गया कि चूंकि भाविक जेल जा चुके हैं, इसलिए निवेशकों को उनके नाम पर आपत्ति है, जिसके बाद अशनीर ग्रोवर ही भारतपे के एकमात्र चेहरा बन गए थे.
वापस मांग रहे है शेयर
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किए गए मुकदमें में भाविक ने दावा किया है कि यह एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी है. जिसमें उनके द्वारा लगभग 87 लाख रुपये के कुल मूल्य के 1,611 शेयरों को ग्रोवर के साथ साझा करने के लिए सहमत हुआ था. अब ये शेयर 16,000 हो गए हैं.
भाविक की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि यह उनके अपने शेयर है जो कि ग्रोवर को रखने के लिए दिए गए थे. वर्ष 2021 में एक वाट्सप चैट में स्वीकार किया है कि ये सभी शेयर भाविक के है. रोहतगी ने कहा कि अब भाविक अपने शेयर वापस मांग रहा है.
कोलाडिया की ओर से रोहतगी ने ग्रोवर को शेयरों में किसी भी तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की,
बहस सुनने के बाद जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ ने अग्रिम आदेश तक 16110 शेयर को किसी तीसरी पार्टी के पक्ष में करने से रोकने का आदेश दिया है. पीठ ने कहा कि अशनीर ग्रोवर अपने बयान पर बाध्य होंगे और उन्हे एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र देना होगा.