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Delhi HC ने फॉरेस्ट ऑफिसियल के खिलाफ जारी किया Contempt Of Court का नोटिस, JNU परिसर में पेड़ों की कटाई से जुड़ा है मामला

काटी गई पेड़ (सांकेतिक चित्र) पिक क्रेडिट Freepik

अदालत के दिशानिर्देशों के बावजूद जेएनयू परिसर में पेड़ों की कटाई के आदेश देने पर उप-वन संरक्षक के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है.

Written By Satyam Kumar | Updated : June 3, 2024 12:43 PM IST

Contempt Of Court: हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने डिप्टी वन संरक्षक(Deputy Conservator Of Forest, South) के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मुकदमा चलाने को लेकर नोटिस जारी किया है. फॉरेस्ट ऑफिसियल ने अदालत से मनाही होने के वाबजूद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) परिसर में दो पेड़ो को काटने तथा जेएनयू के पुराने कैम्पस में 132 पौधे के ट्रांसप्लांट करने की इजाजत दी थी.

DCF, South से HC ने मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट में, जस्टिस जसमीत सिंह की सिंगल जज बेंच ने डिप्टी वन संरक्षक, दिल्ली फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट यानि अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है. नोटिस में डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट से बताने को कहा गया कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाए.

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अदालत ने घटनाक्रम का जिक्र किया. अदालत ने कहा, इस घटना के चार दिन बाद हमने इस मामले को उठाया है और इस दौरान भी अदालत को वन विभाग द्वारा 4 पेड़ों की कटाई और 132 पौधे का ट्रांसप्लांट कराने के फैसले से अवगत नहीं कराया गया.

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दिल्ली HC ने क्यों जारी किया नोटिस?

दिल्ली उच्च न्यायालय पेड़ो की कटाई को लेकर जारी अदालत के 2022 निर्देश के अनुपालन नहीं होने से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था. 2022 में पेड़ो को काटने को लेकर अदालत ने निर्देश जारी किया था, जिसमें सिंगल पेड़ की काटने के निर्देश देने से पहले कारण बताना अनिवार्य है. कथित तौर आरोप कि इस दौरान करीब 22 बार, मई-अगस्त 2022 के बीच पेड़ो की कटाई के आदेश दिए गए.

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वहीं, 31 अगस्त 2023 की सुनवाई के दिन, दिल्ली सरकार ने अदालत को आश्वस्त दिया कि इस मामले की अगली सुनवाई तक किसी व्यक्ति को पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी जाएगी. और किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए पेड़ो की कटाई की जरूरत पड़ी, तो इसकी इजाजत अदालत से ही ली जाएगी.

इसके बाद अदालत के सामने जेएनयू में पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया. अदालत ने आदेश की अनदेखी पाते हुए हुए डिप्टी वन संरक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया हैं, जिसमें उन्हें बताने को कहा है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाए.

अब अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.