सोनू पंजाबन को काटनी पड़ेगी सजा, दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से किया इंकार, 12 साल की बच्ची का सौदा करने से जुड़ा है मामला
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन तस्कर गीता आरोड़ा यानि सोनू पंजाबन की सजा पर रोक लगाने करने से इंकार कर दिया है. सोनू पंजाबन को ट्रायल कोर्ट ने 12 साल की बच्ची की तस्करी और उसे वेश्यावृति में लगाने के मामले में दोषी पाया था. ट्रायल कोर्ट ने सोनू पंजाबन को 24 साल जेल की सजा सुनाई थी. सोनू पंजाबन और उसके साथी संदीप बेदवाल ने अपनी सजा माफी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
HC ने सोनू पंजाबन को राहत देने से किया इंकार
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों और जघन्य अपराध को देखते हुए सोनू पंजाबन को राहत देने से इंकार किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सोनू पंजाबन की दलीलों को खारिज किया.
सोनू पंजाबन ने अदालत के सामने दावा किया कि पीड़िता की गवाही विश्वास के योग्य नहीं है. अदालत ने दलील नकारते हुए कि केवल इसलिए की पीड़िता ने विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था.
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अदालत ने ट्रायल कोर्ट के फैसले का हवाला दिया कि मामले में ट्रायल कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि पीड़िता के साल 2009 से लेकर 2012 तक उसके आचरण पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है, जब उसका अपहरण कर लिया गया था. और ये दावा भी गलत है कि अपीलकर्ताओं को पीड़िता द्वारा झूठा फंसाया जा रहा है, मानने योग्य नहीं है.
पूरा मामला क्या है?
यौन तस्करी मामले में सोनू पंजाबन व उसके साथी संदीप बेदवाल को ट्रायल कोर्ट ने 24 साल और 20 साल जेल की सजा सुनाई थी. दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और तस्करी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. दोनों ने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही सोनू पंजाबन और सह-आरोपी बेदवाल ने इस अपील पर फैसला आने तक सजा निलंबन की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया है. दोनों अब कर करीब पांच साल जेल की सजा काट चुके हैं.