दिल्ली आबकारी नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने YSRC MP के बेटे के अंतरिम जमानत आदेश में संशोधन किया
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाला मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा को 15 दिनों की अंतरिम जमानत देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में शुक्रवार को संशोधन कर दिया.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, शीर्ष न्यायालय ने राघव को मामले में 12 जून को आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया है. उच्च न्यायालय ने राघव की नानी के अस्पताल में भर्ती रहने पर गौर करते हुए उन्हें (राघव को) अंतरिम जमानत दी थी. उनकी नानी बाथरूम’ में गिर गई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू की इस दलील पर गौर किया कि राघव की नानी की देखभाल करने के लिए अन्य लोग हैं.
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अंतरिम जमानत पाने की तरकीब
पीठ ने कहा, दलीलों पर विचार करते हुए और प्रतिवादी की नानी के मेडिकल कागजात पर गौर करने के बाद, हमारा मानना है कि जिस उद्देश्य के लिए प्रतिवादी को रिहा किया गया है, 12 जून 2023 को उनके आत्मसमर्पण करने से उसकी पूर्ति की जा सकती है.’’
भाषा से मिली जानकारी के अनुसार, सुनवाई की शुरूआत में, एएसजी ने कहा कि राघव अपनी नानी से मिल चुके हैं और वह अब लौट सकते हैं. उन्होंने कहा, यह सब बस अंतरिम जमानत पाने की तरकीब है क्योंकि उन्हें नियमित जमानत नहीं मिल सकती.’’
एएसजी राजू ने इससे पहले कहा था कि निचली अदालत ने राघव की पत्नी की बीमारी के आधार पर नियमित जमानत और अंतरिम जमानत के लिए दाखिल उनकी अर्जी खारिज कर दी थी. उच्च न्यायालय ने राघव की नानी के अस्पताल में भर्ती रहने की दलील पर गौर करने के बाद बुधवार को उन्हें (राघव को) अंतरिम जमानत दी थी.
भ्रष्टाचार का आरोप
इससे पहले, एक निचली अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि आरोपी को धनशोधन के आरोपों को लेकर अभियोजित किया गया है, जो कि एक गंभीर आर्थिक अपराध है.
दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 17 नवंबर 2021 को लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इसे पिछले साल सितंबर में रद्द कर दिया था.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा राघव मगुंटा और अन्य के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, आबकारी नीति में बदलाव किये जाने के दौरान अनियमितता बरती गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. जानकारी के लिए आपको बता दें कि सिसोदिया अभी जेल में ही हैं.