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करंट लगने से इंजीनियर की मौत: जिम मालिक के विरुद्ध दर्ज हुआ Culpable Homicide का केस

Delhi man electrocuted to death while running on treadmill, gym owner arrested

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकारी ने कहा, "रोहिणी के सेक्टर-15 में एक जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते वक्त करंट लगने से 24 साल के सक्षम की मौत हो गई। जिम में हुए हादसे के बाद जिम के मालिक ने परिवारवालों को बताया कि सक्षम को हार्ट अटैक आ गया है।

Written By My Lord Team | Updated : July 21, 2023 4:19 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके में एक जिम में ट्रेडमिल करते समय करंट लगने से 24 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई। पीड़ित की पहचान रोहिणी सेक्टर-19 निवासी सक्षम के रूप में हुई है। बुधवार को पुलिस को अस्पताल से युवक के मौत की सूचना मिली, जिसे एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को साझा की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकारी ने कहा, "रोहिणी के सेक्टर-15 में एक जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते वक्त करंट लगने से 24 साल के सक्षम की मौत हो गई। जिम में हुए हादसे के बाद जिम के मालिक ने परिवारवालों को बताया कि सक्षम को हार्ट अटैक आ गया है। पुलिस को इस हादसे की सूचना हॉस्पिटल की तरफ से दी गई, जहां सक्षम को बेहोशी की हालत में एडमिट कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची, और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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पुलिस के अनुसार, एमएलसी (medico-legal case) और ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर केएनके मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 287/304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, साथ ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। यहां बता दे कि सक्षम की मौत के उपरान्त मौके पर पहुंची पुलिस ने जिम मालिक अनुभव दुग्गल के खिलाफ लापरवाही से मौत (Culpable Homicide) का मामला दर्ज कर लिया है।

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आइये समझते हैं कि इस घटना से सम्बंधित अपराध और पुलिस द्वारा किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला विस्तार के साथ.

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भारतीय दंड संहिता की धारा 287

इसके अनुसार, जो कोई किसी मशीनरी से, कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से (Negligently) करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को उपहति (Hurt) या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो, अथवा अपने कब्जे में की या अपनी देखरेख के अधीन की किसी मशीनरी की ऐसी व्यवस्था करने का जो, ऐसी मशीनरी से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक (Negligently) लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide)

मानव शरीर के विरुद्ध किये जाने वाले अपराधों में सर्वाधिक गम्भीर अपराध सदोष मानव वध (Culpable homicide)’ का होता है| सदोष मानव वध को आपराधिक मानव वध भी कहा जाता है तथा यह अपराध मानव शरीर के प्रति किया जाता है|

भारतीय दंड संहिता के Section 299 के अनुसार, जो कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु के कारण बनने के आशय (Intention) से, या उस व्यक्ति को शारीरिक (Physically) रुप से नुकसान पहुँचाने के आशय से कोई कार्य करता है यह जानते हुए भी कि ऐसा कार्य करने से उस व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना (Possibility) है तो वह आपराधिक मानव वध का दोषी बन जाता है।

धारा 299 के मुख्य तत्व

यह अपराध मौत का कारण बनने के इरादे से किया जाता है, या फिर सामने वाले व्यक्ति को ऐसी शारीरिक चोट (Physical injury) पहुँचाने के इरादे से किया गया है कि चोट से मृत्यु होने की संभावना है, या इस ज्ञान के साथ किया जाता है कि ऐसा कार्य करने से सामने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने की पूरी संभावना है।

सजा का प्रावधान (दो वर्गों में विभाजित )

भारतीय दंड संहिता कि धारा 304 (a) में यह बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को शारीरिक चोट पहुंचाने के इरादे से हमला किया जाता है और उस शारीरिक चोट के कारण सामने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अपराधी को कम से कम दस साल से लेकर आजीवन कारावास (Life imprisonment) तक की कैद की सजा दी जा सकती है।

धारा 304 (b) के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के द्वारा यह जानते हुए वो कार्य किया जाता है जिसके किए जाने से सामने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने की पूरी संभावना है लेकिन मृत्यु के कारण बनने के इरादे के बिना (यानी उसका इरादा सामने वाले को मारने का नहीं है लेकिन गलती से उसने कोई ऐसा कार्य कर दिया जिससे सामने वाले की मृत्यु होने की पुरी संभावना है।) तो ऐसे अपराध के दोषी को दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

धारा 304 A के अनुसार जो कोई उतावलेपन के या उपेक्षापूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा, जो आपराधिक मानववध की कोटि में नहीं आता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।