राहुल गांधी को दिल्ली की अदालत ने तीन वर्ष के लिए पासपोर्ट पाने के वास्ते अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तीन वर्ष के लिए सामान्य पासपोर्ट’’ जारी किए जाने के लिए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया. राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे.
अनापत्ति प्रमाणपत्र मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने राहुल की वकील से कहा, मैं आंशिक रूप से आपकी अर्जी मंजूर कर रहा हूं. दस वर्ष के लिए नहीं बल्कि तीन वर्ष के लिए.’’
गौरतलब है की राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी शिकायतकर्ता हैं.
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नेशनल हेराल्ड मामला
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस नेता को विदेश जाने की अनुमति दी जाती है, तो इससे नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रभावित हो सकती है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गाँधी, उनकी मां सोनिया गांधी और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दायर किया था।
शुक्रवार को स्वामी ने अदालत को बताया कि उन्हें ब्रिटेन में एक अधिकारी ने राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने के बारे में बताया था, इसलिए भारतीय कानून के तहत उनकी भारतीय नागरिकता रद्द होनी चाहिए।
स्वामी ने कहा, मैं हाल ही में ब्रिटेन में था और वहां एक अधिकारी ने मुझे बताया कि गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है। भारतीय कानून के तहत, उनकी भारतीय नागरिकता सीधे रद्द कर दी जानी चाहिए।
स्वामी ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पासपोर्ट रखना मौलिक अधिकार नहीं है और 10 साल के लिए पासपोर्ट देने का कोई वैध कारण नहीं है। उन्होंने कहा, उन्होंने 10 साल के लिए वैध पासपोर्ट मांगा है, जो अधिकतम है। लेकिन यह एक विशेष मामला है।
पासपोर्ट के लिए मौलिक अधिकार जैसी कोई चीज नहीं है, और राहुल के पास 10 साल के लिए पासपोर्ट के लिए कोई वैध कारण नहीं है।
राहुल गांधी के एडवोकेट की दलील
राहुल गांधी का समर्थन करते हुए एडवोकेट तरन्नुम चीमा ने कहा कि गंभीर अपराधों के आरोपियों को भी पासपोर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि दस साल के लिए रूटीन है। जहां तक नागरिकता का सवाल है, जो दस्तावेज हैं, वो आपराधिक कार्यवाही के लिए नहीं हैं।
हमने 2019 के बाद से मंत्रालय से कुछ भी नहीं सुना है। जो लोग गंभीर अपराधी हैं, उनको भी दस साल के लिए पासपोर्ट दिया गया है। इसमें 2जी और अन्य मामलों के अपराधी शामिल हैं।
इस पर स्वामी ने कहा कि अगर पहले कुछ गलत हुआ है तो इसे अब सही नहीं ठहराया जा सकता। इससे पहले गांधी के वकील ने अदालत से कहा था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है और इसलिए उन्हें एनओसी दी जा सकती है।